________________
( ६ )
समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
१०६. सेत्रावा मं० आदि० स्तवन मूरति मोहन वेलड़ी
गा० १६ (सं० १६५५) १०७. ऋषभ हुलरामणा गी. गा.४ रूड़ा ऋषभजी घर आवउ रे ६० १०८. सिन्धी भाषा आदिजिन स्त. मरू देवी माता इबइ आखइ ११
गा०१० १०६.सुमतिनाथ वृहत्त० गा १३ प्रह ऊठी नइ प्रणमुपाय ६२ ११०. पाल्हणपुर मं०४४ सेवउ श्री चंद्रप्रभ स्वामी
६३ रागद्वयार्थ स्तवन गा० १२ १११. चंद्रवारि मंडन चन्द्रप्रभ चंद्र भेट्यउ मई चदवारि ६६
भास गा०२ ११२. श्री शीतलनाथ० स्त० गा०३ मुख नीको शीतलनाथ को ६६ ११३. , गूढार्थ गीत गा०३ कहर सखि कउरण कहीजइ ६७ ११४. श्री अमरसर म.शीतलजिन मोरा साहिब हो श्री शीतल० १७
स्तवन गा० १५ ११५. मेड़ता मं० विमल० स्तवन विमलनाथ सुणौ वीनति १००
गा०१५ ११६. आगरामं० विमलनाथ भास देव जुहारण देहरइ चाली १०२
गा०४ ११७. श्री शांतिनाथ गीतम् गा० ३ शांतिनाथ भजे (संस्कृत) १०३ ११८. पाटण शांतिनाथ पञ्चकल्या
एक गर्भित देवगृह वर्णन
युक्त दीर्घ स्तवनम् गा० २५ (प्रारम्भिक १६गाथा अप्राप्त) १०४ ११६. जेसलमेर मं० शान्तिजिन अष्टापद हो ऊपरलो प्रासा० १०६
स्तवन गा०७ १२०. श्री शांतिजिन स्तवनम् गा.६ सुन्दारूप सुहामणो १२१. श्री शांतिनाथ हुल.गी.गा.४ शांतिकुंयर सोहामणो १०८ १२२. श्री शांतिजिन स्तवनम् गा.५ सुखदाई रे सुखदाई रे १०६
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org