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महोपाध्याय समयसुन्दर
सवाचार भाष्य, निच्छय गाथा वृत्ति, रत्नसञ्चयर, यशोदेवसूरि एवं देवगुप्तसूरि कृत नवपद प्रकरण वृत्ति, हरिभद्रसूरि कृत ज्ञानपश्चक विवरण, पञ्चलिङ्गी प्रकरण टीका सह, निर्वाण कलिका, विचारसार, कुलमंडनसूरि कृत विचारामृतसंग्रह, उमास्वाति कृत पूजा प्रकरण, आचारवल्लभ और प्रतिष्ठा कल्प, पादलिप्ताचार्य कृत प्रतिष्ठा कल्प, जिनप्रभसूरि कृत गृहपूजाविधि, जिनवल्लभसूरि कृत पौषधविधि प्रकरण, पिण्डविशुद्धि बृहट्टीका, जिनदत्तसूरि कृत उपदेश रसायन, चर्चरी, उत्सूत्रपदोद्घाटनकुलक, जिनपतिसूरि कृत प्रबोधोदय वादस्थल और सङ्घपटक टीका, देवेन्द्रसूरि कृत धर्मरत्न प्रकरण टीका, हेमचन्द्राचार्य कृत योगशास्त्र स्वोपज्ञ वृत्ति, योगशास्त्र अवचूरि और सोमसुन्दरसूरि कृत बालावबोध, नवतत्त्व बृहदालावबोध, उपदेश सत्तरी, चैत्यवन्दन भाष्य, प्रत्याख्यान भाष्य, प्रत्याख्यान भाष्य नागपुरीय तपागच्छका३, अभयदेवसूरि कृत वन्दनक भाष्य, जीवानुशासन टीका, पीपलिया उदयरत्न कृत जीवानुशासन, चैत्यवन्दनकुलक टीका, आचारप्रदीप, उ० जिनपाल कृत संदेह दोलावृली बृहवृत्ति (?), और द्वादशकुलक टीका, संबोधप्रकरण, कायस्थिति सूत्र, संघतिलकसूरि कृत सम्यक्त्व सप्तति वृत्ति, देवेन्द्रसूरि कृत प्रश्नोत्तर रत्नमाला टीका, मुनिचन्द्रसूरि कृत उपदेश (पद) वृत्ति, सोमधर्मकृत उपदेशसप्ततिका, Vमुनिसुन्दरसूरि कृत उपदेश तरङ्गिणी, उ० श्रीतिलक
कृत गौतमपृच्छा प्र० टीका, वनस्पति सप्ततिका, १ गा. पृ० ३४। २ गा० पृ० ३५। ३ स० श० पृ० १२७
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