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________________ कसायरसपरिणताते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि जाव सुक्किलवण्परिणता वि गंधओ सुब्भिगंधपरिणता विदुब्भिगंधपरिणता वि फासओ कक्खडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिणता वि संठाणओ परिमंडलपद-१ संठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे रसओ अंबिलरसपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधओ सुब्भिगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि फासओ कक्खडफासपरिणता वि जाव लक्खफासपरिणता वि संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे रसओ महररसपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधतो सुब्भिंगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिमता वि लसंठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि | जे फासतो कक्खडफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाव सक्किलवण्णपरिणता वि गंधओ सुब्भिगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महुररसपरिणता वि फासतो गरुयफास जाव लुक्ख फास परिणता वि संठाणओ परिमंडल संठाण परिणतावि जाव आयतसंठाण परिणता वि जे फासतो मउयफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणयावि गंधओ सुब्भिंगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महररसपरिणता वि फासओ गरुयफासपरिणया वि जाव लक्खफासपरिणता वि संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणया वि जाव आयतसंठाणपरिणया वि जे फासतो गरुयफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधओ सुब्भिंगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महररसपरिणता वि फासओ कक्खडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिणता वि संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे फासतो लहयफासपरिमता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाव सक्किलवण्णपरिणता वि गंधओ सुब्भिगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महररसपरिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिणया वि संठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणया वि जाव आयतसंठाणपरिणया वि जे फासतो सीयफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्मपरिणता वि गंधतो सुब्भिगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महररसपरिणता वि फासओ कक्खडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिणता वि संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे फासतो उसिणफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधतो सुब्भिंगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि रसतो तित्तरसपरिणया वि जाव महररसपरिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता वि जाव लक्खफासपरिणता वि संठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि. जे फासतो निद्धफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधतो सुब्भिगंधपरिणता वि दुब्भिगंधपरिणता वि रसतो तित्तरसपरिणता वि जाव महररसपरिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता वि जाव उसिणफासपरिणता वि संठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे फासतो लुक्खफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किल वण्ण परिणता वि, गंधओ सुब्भिगंध परिणता वि दुब्भिगंध परिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव दीपरत्नसागर संशोधितः] [5] [१५-पन्नवणा]
SR No.003729
Book TitleAgam 15 Pannavana Chauttham Uvvangsuttam Mulam PDF File Without Correction
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2013
Total Pages202
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size3 MB
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