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________________ देवाणुप्पिया! तए णं सुदंसणं समणोवासए अज्जणएणं मालागारेणं सद्धिं जेणेव गणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अज्जुणएणं मालागारेणं सद्धिं समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेड़ वंदइ वमंसइ जाव पज्जवासइ । तए णं समणे भगवं महावीरे सुदंसणस्स समणोवासगस्स अज्जुणयस्स मालागारस्स तीसे य धम्ममाइक्खइ, सुदंसणे पडिगए, तए णं से अज्जणए मालागारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म हट्ट तुढे जाव एवं वयासी-सदहामि णं भंते निग्गंथं पावयणं जाव अब्भुढेमि, जाव अहासुहं० । तए णं से अज्जुणए मालागारे उत्तर० सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ करेत्ता जाव अणगारे जाए जाव विहरइ, तए णं से अज्जणए अणगारे जं चेव दिवसं मंडे जाव पव्वइए तं चेव दिवसं समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता इमं एयारूवं अभिग्गहं ओगेण्हइ-कप्पड़ मे जावज्जीवाए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणस्स विहरित्तए त्ति कट्ट, अयमेयारूवं अभिग्गहं वग्गो-६, अज्झयणं-८ ओगेण्हइ ओगेण्हित्ता जावज्जीवाए जाव विहरइ । तए णं से अज्जणए अणगारे छट्ठक्खमणपारणयंसि पढमे पोरिसीए सज्झायं करेइ जहागोयमसामी जाव अडइ, तए णं तं अज्जुणयं अणगारं रायगिहे नयरे उच्च-जाव अडमाणं बहवे इत्थीओ य परिसा य डहरा य महल्ला य जुवाणा य एवं वयासी- इमे णं मे पिता मारिए इमे णं मे माता मारिया इमे णं मे भाया० भगिणी० भज्जा० पुत्ते० धूया० सुण्हा मारिया, इमे णं मे अण्णयरे सयण-संबंधिपरियणे मारिए त्ति कट्ट अप्पेगइया अक्कोसंति अप्पेगइया हीलंति निंदंति गरिहंति तज्जति तालेति । तए णं से अज्जुणए अणगारे तेहिं बहुहिं इत्थीहि य परिसेहि य डहरेहि य महल्लेहि य जवाणएहि य आओसिज्जमाणे जाव तालेज्जमाणे तेसिं मणसा वि अपउस्समाणे सम्मं सहइ सम्म खमइ सम्मं तितिक्खड़ सम्म अहियासेइ सम्म सहमाणे सम्म खममाणे सम्म तितिक्खमाणे सम्म अहियासेमाणे रायगिहे नयरे उच्च-नीय-मज्झिय-कलाई अडमाणे जइ भत्तं लभइ तो पाणं न लभइ अह पाणं लभइ तो भत्तं न लभइ, तए णं से अज्जणए अणगारे अदीणे अविमणे अकलसे अणाइले अविसादी अपरितंतजोगी अडइ अडित्ता रायगिहाओ नगराओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणेव गणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे जहा- गोयमसामी तहा पडिदंसेइ पडिदंसेत्ता समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणण्णाए समाणे अमच्छिए अगिद्धे अगढिए अणज्झोववण्णे बिलमिव पन्नगभएणं अप्पाणेणं तमाहारं आहारेइ । तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णया रायगिहाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ, तए णं से अज्जुणए अणगारे तेणं ओरालेणं विपुलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं महाणुभागेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे बहुपुडिपुन्ने छम्मासे सामण्मपरियागं पाउणइ पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अप्पाणं झुसेइ झुसेत्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेइ छेदेत्ता जस्सहाए कीरइ नग्गभावे जाव सिद्धे । • छढे वग्गे तइअं अज्झयणं समत्तं . [] चउत्थं-अज्झयणं । [दीपरत्नसागर संशोधितः] [19] [८-अंतगडदसाओ]
SR No.003715
Book TitleAgam 08 Antgaddasao Attham Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages31
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 08, & agam_antkrutdasha
File Size2 MB
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