________________
विभाग-३
परिशिष्ट
प्रस्तुत विभाग में वर्णित लेखों का पठन-मनन-चिन्तन करने से सामायिक धर्म की परिपूर्णता, विशालता और उपादेयता का स्पष्ट ध्यान आता है।
__ योगशास्त्रों में प्रसिद्ध "समापत्ति" क्या है ? उसका सामायिक, कायोत्सर्ग और गुणश्रेणी आदि के साथ कार्य-कारण-भाव का सम्बन्ध है, आदि बातों पर प्रकाश डाला गया है ।
गुणश्रेणी एवं कायोत्सर्ग भी सामायिक के ही अंग हैं। इन दोनों के द्वारा आत्म-परिणामों की विशेष-विशेष विशुद्धि होने पर सामायिकसमताभाव की ही अभिवृद्धि होती है-आदि बातों को प्रस्तुत लेखों में स्पष्ट किया गया है।
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org