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कह्यो नहीं जावे ॥ ला० ॥ ३ ॥ उपजे न उपजत,
मूर्ज न मरत कबु ॥ खटरस जोग करे, रंच न खावे ॥ लाल० ॥ ४ ॥ परपरणीत संग || करत अनोखे रंग || चिदानंद प्यारे,
नट बाजी सी दिखावे ॥ला ॥२॥
॥ पद सामत्री शभुं ॥ राग जैरव ॥ ॥ जाग रे बटान प्रब,
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