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(२४) ते कारण चरण पूजावे
॥लघु ॥५॥ शिशु राजधाममें जावे, सखी दिलमिल गोद खीलावे ॥ होय बडा जाण नवि पावे, जावे तो सीस कटावे
लघु०॥६॥ अंतर मद नाव वदावे, तब त्रिनुवन नाथ कहावे ॥ इम चिदानंद ए गावे,
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