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चपला चमत्कार जिम चंचल, नरनव सूत्र बताया ॥ अंजलि जल सम जगपति जिनवर,आयु अथिर दरसाया रे॥
नर जग ॥३॥ यावन संध्याराग रूप फुनि, मल मलिन अति काया॥ विणसत जास विलंब न रंचक, जिम तरुवरकी गया रे॥
नर जग ॥३॥ सरिता वेग समानजु संपत्ति,
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