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(ए) आनंदघन उजीयारेतूंसाश ॥पद चोपनमुं॥रागमनाती॥ - आशावरी॥रातडी रमीने .
हाथी आवीया ॥ ए देशी॥ मूलडो थोमो नाइ व्याजडो.
घणो रे, केम करी दीधो रे जाय॥ तलपद पूंजी में आपीसघलीरे, तोदे व्याज पूरुं नवि थाय॥
मू०॥१॥
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