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(६) पूज्य श्री उत्तमचन्द्रजी स्वामी, (दरियापुरी सम्प्रदाय) लोकाशाह मत-समर्थन नामनुं पुस्तक घणुंज सारुं छे। (७) श्रीयुत भाईचन्द, एम. लखाणी करांची
लोकाशाह मत-समर्थन नामनुं पुस्तक वांची घणोज आनन्द थयो छे।
(८) श्रीयुत रागवजी परसोत्तमजी दोशी धाग्ध्रा
हालमां लोंकाशाह मत-समर्थन नी चोपड़ी छपायेल छे, ते मारा वांचवा थी घणोज खुशी थयो छु, रुपया २) मोकलुं छु तेनी जेटली प्रतो आवे तेटली गामड़ामां प्रचार करवो छे माटे फायदे थी मोकलशो, आ बुक मां सूत्र सिद्धान्त अनुसार घणा सारा दाखला आप्या छे ते वांची हुं खुशी थयो छु।
(६) श्रीयुत जेचन्द अजरामर कोठारी सिविल स्टेशन राजकोट से लिखते हैं कि -
आपनुं लोकाशाह मत-समर्थन अने मुखवस्त्रिका सिद्धि बन्ने पुस्तक वांच्या, बेत्रण वार अथ इति वांच्या, तेमां सिद्धांतों ना दाखला दलीलो अने विशेष करीने विरोधी पक्ष ना अभिप्रायो जणावी न्याय थी श्रमणोपासक समाजनी पूरे पूरी सेवा बजावी छे तेने माटे रतनलाल डोशी ने अखण्ड धन्यवाद घटे छे, समाजे कोई न कोई रुपमा तेमनी कदर करवी जोइए, श्री डोशी जेवा निडर पुरुष जमानाने अनुसरी पाकवाज जोइए।
. (१०) श्रीयुत बेचरदासजी गोपालजी राजकोट से लिखते हैं कि - . लोकाशाह मत समर्थन पुस्तक वांच्युं छे, वांची मने घणोज
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