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घत्ता- सो वि तहि घरि सुणहिहे उयरि सुणहु हुइउ पावहु लक्खणु । आरत्तेण मरंतउ पुरिसु वि होतउ होइ तिरिउ णिल्लक्खणु ॥१०॥
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आहारदान कथा
गय मासत्तएण संजायउ समए कंत तहो सायरसिरियए णं ससिकला आणंद जणेरी एत्तहो तेल्थु जे पट्टणि वणिवरु सो जिणपायपओरुह भत्तउ कहि मि कालि किर गउ वणिज्जए सिरियए मणिहि दाणु ण उ दिगउ एत्तहि वारह वरिसपहुत्तें वणिणा कवडलहु उम्माइउ भणिउ अत्थु णिसुणहि पिए आयहो
किण्ह पावपिंडु व विक्खायउ । जणिय पुण्णलयणं वय किरिए। वड्ढइ जणमणणयणपियारी । णिवसइ सिरिवरु णामें सिरिधरु । मुणिआहारदाणि अणुरत्तउ । धणलु द्धए पच्छए तहु भज्जए। संचिय अच्छे लइउ सुवण्णउ। मुणिहि ण दिण्णु दाणु जाणंतें । आयरेण तहो अग्गइ वाइउ । गुरु सरीरकारणु तुह तायहो।
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घत्ता- तं णिसुणेवि मणु कंपिउ आउरुजंपिउ साए ताय दुह तत्तए । णाह तेत्थु हउँ गच्छमि पुणु आगज्छमि णियर रोए खउ पत्तए ।।११।।
(12) तं आयण्णिऊण सिरिवइणा पियरगेहि सा पेसिय सुमइणा । पुणु णिसि भोयणचाय परिणामें जा उप्पण्ण णायसिरि णामें सा परिणेविणु परमाणंदें
मुणिहिं दाणु आढविउ वणे दें। आसि सुवष्णु सिरिए जं संचिउ तं जिणभुवणु कराविवि संकिउ । मुणिवरवएण एण जा सिद्धी
सा कूरवसहि णाम सुपसिद्धी। (10) 1.aणिसुणहि, a म भणहु, 7.a उत्ततु, 9.b वि विद्ध उ, aमरणेण त्थाणहो,
10.b. adds वि after ताए, a तहि, ll.b तहि, b हुवउ इउ पावहु, a
पावह, 12.a मरत्तउ, a तुरिउ for तिरिउ । (11) 2.b कण्ण for कंत, a तिरियए, 3.a संसिफल, b वड्ढिय, 4.b णामें
सिरिवरु, 5.a पायपउहर, 6.a कहिवि, a हो भज्जइ, 7.b दिण्णउं, b लयउ सुवण्णउं, 8.a वरिसह पत्ते, b मुणिहिं, 9.a तें वणि for वणिणा, b उप्पायउ, b तहे, 10.b भणई, b णिसुणहिं, a तहो for तुह, 11.a मणि, 12.3 हउ।
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