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घत्ता- वहु अत्थु लइज्जउ णियसुय दिज्जउ तणयहो दिय अम्हारहो।
तेण वि दिण्णी तहो पियरहि पुत्तहो किउ विवाहु गुणसारहो ।।६।।
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विसरीरु वो जो को वि असमत्य उ तं जणु संभासइ णियमत्यउ । तह सो माणिणीही माणिज्जइ अस्थि किर को ण उ लोहिज्जइ । गच्छइ थोउ कालु किर जावहि दहिमहु भणिउ जरि तावहि । अत्थ आसि जो अम्हहि संचिउ तुज्झ विवाहि पुत्त सो वेचिउ। एवहि णिव्वहि अप्पाणओ दहिमहेण तओ महिउ पयाणओ। भणिय सभज्ज एहि जाइज्जइ माणविरहिउ केम जीविज्जइ । ता सा णयरगाम पइसंती
सिक्कयत्थु दहिमुड़ दरिसंती। णियपइवय दप्पें वग्गंती
भोयणु अत्थु वत्थु मग्गंती। तियहँ सहत्तणगुण थुव्वंती उज्जेणिहि णयरिहि संपत्ती। टिंटामंदिर दिठ्ठ खण्णउ उब्भड भडसामंतहि पुण्णउ । धत्ता- तहि खुटे ससिक्कउ दहिमहु सइ कत्थ वि कज्जे गय ।
एत्तहि जुयारहि दिण्ण पहारहो अत्थत्थे कलि उग्गय ।।७।।
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(6) 1.b किर for पर, b सुंमई, a काइ, b जम्मई, 2.a दहिमुह, b सुइं, 3.b
हुंउ, b आयउ in margin पिउ is explained as पितु, 4.b अझागय०,
a करेविणु, b केरेप्पिण, 5.a मह, 6.b भणइं, a मंदिरो, b तुहं महिलअ णिदिर, a णंदिरु is explained in the margin as आणंदकारि, 7.a कुमरकालि, a वसंतह, a करंतहु, 8.b गउं, a जावहि, 9.a पभणिउ काइ न म परि०, b परिणावहो, a भणिउ तेग को देसइ तुव वहु, b वहो, 10.a भणिए, b दहिमुहं, b भुंजई, b रोरु, a. omits को, ll.b लइंज्जइं, b दिज्जई, 12.b दिणी, b विवाहुं, Cf. ब्रह्मा, वायुपुराण, महाभारत, आदिपर्व । l.b संभासइं, a णय०, 2.a तहि, b माणिणाहि माणिज्जइं, b लेहिज्जइं, 3.b गच्छइं, b तामहिं दहिमहु भणिउं, b तामहि, 4.b अम्हहं संचिउ तुज्झु, 5.a णिव्वावहि, b दहिमुणेहेण, a तं मुणिउ for तओ महिउ, b महिओ, 6.b जाइं जई मणि रहिओ, b जीविज्जइं, 7.b णायरगामपइंसंती, 8.b पइंवय, a वग्गोती, 9.b सई तणु गुणु, a थप्पंती, 10.a टिंटामंडउ, 11.b खंटि ससिक्कउ दहिमुक्कउ सा वि अत्थुकज्जे, 12.a जूआरहो, b अत्थत्थि कलि उंगाया।
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