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ता भइरहि णामें सुउ जायउ जो भारहि पुराणि विक्खायउ । जम्मइँ णारिफंसि सुउ णारिहे कह हउँ पुरिरकंसे ण कुमारिहे । अवरु वि कुलगुण वविसिट्ठहो गांधारीकुमारि धयरट्ठहो। किर पिज्जोसइ ता रोम चिय तह पुप्फबइ जाय सील चिय । दियहे चउत्थे णवर सण्हाइय फणसालिंगणे गम्भिणिजाइय । मासेक्केण णवर तहि मायए सा अकुसुमु णिएवि गय छायए । तं वइयरु णर विट्टि गरिठ्ठहो भयगयाए जाणे विउ जेट्ठहो । तं णिसुणेवि पमाणिय सिळिं सुहि हक्कारेवि अंधकविटिठ । घत्ता- धयरट्ठहो दिण्ण लहुउ गम्भु ण उ तें सुणिउ । संपुष्णदिणेहि ताए फणसतरु फलु जाणिउ ॥९॥
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तहिं फणसफलें सउ णंदणाहुँ एरिस कह भारहे सुप्पसिद्ध तं णिसुणेविण दियवरहिं वुत्तु जं पुणु गब्भत्थें तवसिवयणु ता तावसेण पडिवयणु वुत्तु ता एरिसु भारहि वासि भणिउ सुहलक्खाण कोइलमहरसह असुहत्थी एक्कहि दिवसे जाम थिरगब्भवासे ण लहेइ जिद्द एन्थंतरे कह सवणथिएण
संजाउ पवरगण णंदणाहँ। किं महु उत्पत्ति भणहु विरुद्ध । मण्णिउ तुह जम्मु हवउ णिरुत्तु । आयण्णिउ तं सद्दहइ कवणु।। जइ मइ पणिउ मण्णहु अजुत्तु। 5 दियपवरहो कि तुम्हहिं ण सुणिउ । गुरुहारजाय जइ य हु सुहद्द । हरि चक्कवूहकह कहइ ताम । हुँ काऊण किर मेल्लइ सुहद्द । महिमाणे तहे गब्भत्थिरण । 10
(9) 4.a सो for सुउ, b णारिदे, a हउ, 7.b सा, 8.b मासहें, b अकुसुम,
9.b जाणाविउ, 10.b सेट्ठिहे, b अंधयविट्ठहे, 11.a गब्भ, b गब्भु ते णउं मुणिउं, 12 b दिणेहि, b फल्लु जणिउं, cf. आदिपर्व (महाभारत),
भागवतपुराण, मत्स्यपुराण, विष्णुपुराण, वायुपुराण । (10) 1 a तहि, a सउ णंदणाह, b गुण णंदणहं, 2.b सुद्धसिद्ध, a मउपत्ति, _b भणहुं, 3.a दियवरहि, 4.a गम्भत्थं, b तपसि, b अयप्पाह उँ तं, 5.b मइं पणिउं मण्णहु, 6.b भारहिं, b किं तु तुम्हहिं किन्न सुणिलं, a तुम्हहि, 7.b फग्गुण पियणामि भगिय सुहद्द for गुरुहायजाय etc. 8.b एक्कहि, b चक्रवह कहइ, 9.a णं for ण, 10.b सवणत्थिरण, a अहिवणे, 12 a चितेवि।
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