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जिह जिह नियइ गहीरिम पाहि जिह जिह पीणयओहर जोयइ जिह जिह पिच्छइ सुललियवाहउ जिह जिह नियइ पयगरयणायरु जिह जिह कुंतलवलउ विलोयइ
घत्ता - इय जोयं तु णिएवि
कुडिलभावमणु रंजेवि ।
थिय उत्तर दिसा म्हहो दिट्ठि विवज्जेवि ॥ १४ ॥
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जइ विदिट्ठि परिहरेवि परिट्ठिय हो पुरउ णाइँ अवलंविय णं संलिहिय अव णं रोविय चितइ विहि वलेवि जइ पिच्छमि अहव ण नियम णयणफलु हारमि तो वरि जाउ लज्ज तं वारहो गाझा संजम संघायहो सइ संपडिउ जइ वि वज्जिज्जइ
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म्हे पुणु वि पुणु चितविउ
तहो वरिस सहास फलेण मुहु ता झत्ति जाउ सुंदरु वयणु पिहू थणि नियंव गुरु मज्झ किस तित्थु वि अवरा णणु जाउ पुणु
तिह तिह मण्णइ घरु मयणाहि । तिह तह मयणु सरासणु ढोयइ । तिह तिह संभवति तहो वाहउ । तिह तिह चडइ रायरयणायरु । तिह तह तहो मणु मयणु पलोयइ | 10
घत्ता - अहवा कि वहुएण दोसु गुणु वि अवगण्णमि । हो दरिसणसोक्खु सिद्धिसुहहो वहु मर्णामि ।। १५ ।।
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तो वि तासु आसत्ति ण णिट्ठिय । णं हियवए गिलीण णं विन्हिय । णं उक्किण्णरुव णं वाविय । भुवगुरु विलहुयत्तहो गच्छमि । लहु उद्दत पाण कह धारमि । अइ दुल्लहु रइसुह परदारहो । एउ जे फलु काले ण वि आहो । तो विण कम्मु पुराउ जिज्जइ ।
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एहु उग्गु मइँ त कियउ । महु होउ जणिय पेच्छणय सुहु । जा तेण पलोयइ थिरणयणु । गय ताम तिलोत्तम अवरदिस । पिच्छंतु नियंविणि जट्टपुणु ।
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(14) la चरचरणइ, b सिढिलाई, a झाणावरणइ, b झाणायरणई, 2.b पेच्छंतहोर, 3 a आलोयइ, a सुरयं, 4a णीसासु णियच्छई, 7.a सरासणे, 10.a कुंतलु, b omits one तिह, a विलोयइ for पलोयइ, 11.b अइ for इय, 12. उत्तरुदिसाहे, b वंभहो ।
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(15) 1.2 आसति, 2.b णयणहं, a णाइ, b त्रिविय for विहिय, 4.b भुयणगुरु, a लहुयहो, 6.a परयारहो, 8. b पुराइउ, 9. दोसुगणे वि, 12.b एहे ।
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