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________________ ता दोण्णि वि दो भय चप्पेविणु दीवयवट्टि णवर पजलती णिवडिय मज्झु वामणयणुल्लए वामकरेण वट्टि जइ फेडमि अह इयरेण कंता रूसइ तो वरि अक्खि जाउ सयसकरु इय चितंतहो कुट्टउ लोयणु मज्झु अहिउ सरिसु वि जइ णियडउ सुत्तउ महु पासहिं आवेविणु । उप्परि उंदरे पणिज्जती। ता मइँ चितिउ णियहिय उल्लए। 5 तो हट्ठा पिय णेहहो तोडमि । णिहुयच्छंतहो लोयण णासइ । विहडिउ णहु हे इ अइदुक्करु । हउँ जणि भणिउ विसमअवलोयणु । अत्यि मुक्खु तो अप्पउ पयडउ। 10 घत्ता- एम भणेवि जा थक्कु तहिं णिय मुक्खत्ता चिट्ठउ । __ मुक्खत्तणु पयडहु अवरु णरु णायरसहहिं पविठ्ठउ ।।१४।। (15) द्वितीय मूर्ख कथा तेण भणिउ मज्झ उ वि खपिरिच्छिउ दो महिलाउ णाम सारिच्छिउ । खरि दाहिणउ पाउ पक्खालइ लामउ रिच्छिका लइय वोलइ । तावेक्कहि दिणि खरी आवेप्पिण गय दाहिणउ चरण धोवेप्पिण । सो मइँ जा वामोवरि दिण्णउँ रिच्छिए रूसेवि मुसलें भिण्णउँ । एत्थंतरि खरि मम्म विघट्टइ तुह घरे वोडमडप्फरु वट्टइ। 5 जेण तेण णिय पइ अवमाणहिं अडतडविडविवणे विड माणहिं । ता रिच्छिए पभणि उ तुह कित्तणु चच्चरगोउररमणिसइत्तणु । जाणेवि अवरु कंतु सिरु मुंडे वि वल्लहु घल्लइ णास विहंडेवि । एव भणंत भणिय जइ सकहि रक्खहि पाउ एहि मा थक्कहि । इय कोवेण वामचरणुल्लउ भग्गु खरिए हउँ थिउ णं कल्लउ। 10 घत्ता- तहो दिवसहो लग्गि विहडउ जणेण कुंटहंसगइ भासिउ । पयडउ अप्पाणउ अत्थि जइ अवरु मुक्खु महु पासिउ ।।१५।। (14) 1.a ताह for तहु, a मज्झि बि एकु पजंपिउ, b महु हउं, b मि for वि, 2.a रयणिहि, b उत्ताणउं, 3.a भुव for भुय, a पासउ, 4 a पयलंती, b उंदुरे, 5.a तो मइ, 6 .a adds को before कंता, 8.a वर, 9.a भणिउं, 10.b जो for जइ, 11. एव, a तहि, 12.b पइट्ठउ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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