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महामंत्र
द्वादशांगी जिनवाणी का सार, सर्वार्थ सिद्धि का उत्तम द्वार ।
लो बना हृदय का हार, यह महामंत्र नवकार ।।
णमो अरहन्ताणं
णमो सिद्धाणं णमो आयरियाण णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूणं
___अर्थ :एम लोकोपकारी अरहन्तों को प्रणाम !
निष्कर्मा सिद्धों को प्रणाम ! अनुशास्ना आचार्यों को प्रणाम !
ज्ञानदाता उपाध्यायों को प्रणाम ! लोक में व्याप्त समस्त साधुओं को प्रणाम !
ध्यातव्य :यह महामंत्र मूलतः गुण नमन प्रधान आध्यात्मिक महामन्त्र है ।
यह समस्त जिनवाणी का सार है । इसका प्रतदिन शुद्ध एवं मनोयोगपूर्वक स्मरण समस्त सिद्धियों का प्रदाता है ।
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