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शुभ सन्देश
यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन ( तीर्थ संरक्षिणी ) महासभा की दक्षिण तमिलनाडु के प्राचीन तीर्थों की सचित्र स्मारिका का प्रकाशन करने जा रही हैं । प्राचीन तीर्थ के जीर्णोद्धार कार्यों में तमिलनाडु की धर्म/तीर्थ संरक्षिणी महासभा का अभूतपूर्व सहयोग एवं योगदान प्राप्त होता रहा है। इस स्मारिका का प्रकाशन उसी सहयोग की कड़ी है। उससे सम्पूर्ण जैन समाज को तमिलनाडु की प्राचीन संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होंगी तथा यह स्मारिका समाज में प्राचीन तीर्थ जीर्णोद्धार के कार्यों में सहयोग करने हेतु प्रेरित करेगी, ऐसी पूर्ण आशा है । इस स्मारिका के प्रकाशन के लिए तमिलनाडु प्रान्त के धर्म/तीर्थ संरक्षिणी महासभा के सभी पदाधिकारी बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं । केन्द्रीय महासभा इस कार्य के लिए सभी की बहुत-बहुत आभारी है।
तमिलनाडु प्राचीन काल से ही जैन ऋषि-मुनियों की तप एवं साधना स्थली रही है । अनेक मुनिराजों, आचार्यों ने यहाँ तप करक इस प्रान्त को गौरवान्वित किया है । इस स्मारिका के प्रकाशन से तमिलनाडु की प्राचीन संस्कृति के बारे में लोगों को जानकारी प्राप्त होगी। हार्दिक शुभकामनाओं सहित !
निर्मलकुमार जैन
अध्यक्ष श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन (तीर्थ संरक्षिणी) महासभा
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