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तीन उमळे आनेसे बराबर तीन उभळे बीगरका पानी अचित्त होता है। और ऋतु
मुजब के काळ तक अचित्त
रहता है। शरबतें गुलाबजळ
नहि वापरना. सचित्त है. केवडाजळ विलायती प्रवाही दवाई केइ प्रवाहि शिवायके दवाएं
अचित्त हो, तो भी अपवित्रादिक के सबब नहि वापरना. पवित्र वापरनी पडे, तो भी अचित्त पानीमें डालके भूकी वगैरह वापरना. एकदम
प्रवाही दवाएं नहि वापरना. बरफ
अभक्ष्य होनेसे महा
, सचित्त है. सचित्तमें है । सचित्त के त्यागीओंने वो सबका त्याग करना होता है।
५ पानी ठंडा करने के बरतन पर ढांकनेका अवश्य ध्यानमें रखना. नहि तो उनमें से गरम वराळ नीकलनेसें, मक्खी, मच्छर, और दूसरे संपातिम जीवों गीरे, तो हिंसा होती है. वास्ते अवश्य ख्याल रखना.
करे
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