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चैत्यवंदन
मधु शुद श्रीज तिलक तरु, केवल साठ हजार, साधु छसें सुसंयति, साठ सहस पर धार....४.... सहस पंचाणुं वर्ष आय, सहस मुनिवर साथ, राध वदि अकम समेत, शैल वर्या शिवनाथ....५.... गर्भमास नव पांच दिन, गंधर्व वर सुर, शासनसूरि बला करे, संघ विघन सहु दूर....६....
अरनाथ नु [१८] पिता सुदर्शन देवी नंद, वंश इक्ष्वाकु चंद, मीन राशि उडु रेवती, जय जय जगदानंद....१.... फागण शुदि बीजे चव्या, सह शुदि दशमी जात, लंछन नंदावर्त्त हेम, वरण त्रीश धनु तात ...२.... गजपुरराय संयम लहे, सहस सोभागी साथ, मागशर शुदि अकादशी, सेवे सुर नर नाथ....३.... आम्र तळे कात्तिक शुदि, बारश केवल ज्ञान, पचास हजार मुनि सहस, आठ सुसंयति मान....४.... सहस चोराशी वर्ष आय, सहस मुनिवर साथ, सह शुदि दशमी श्री समेत, शैल थया सिद्धनाथ....५.... गर्भमास नव आठ दिन, प्रभु शासन सुर इंद्र, संघ विधन दूरे करे, धारिणी मात अनिद्र....६....
मल्लिनाथ नु [१६] इक्ष्वाकु कुलचंद नंद, प्रभावती कुंभराय, उडु अश्विनी राशि मेष, सुर नर प्रणमे पाय....१.... फागण शुद चोथे चव्या, नील वरण कुंभ अंक, सह शुदि जात अकादशी, पचीश धनु निष्पंक....२.... मिथिलापुर वर राजीयो, संयम त्रणशें साथ, सह शुदि अकादशी धरे, भवि कमलवन पाथ ...३.... सह शुदि अकादशी तरु, अशोक ज्ञान हजार, चालीश सुमुनि संयति, सहस पंचावन धार....४....
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