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चोवीसी
गर्भमास नव खट दिवस, भक्त कुसुम यक्ष, शासन सार करे सदा, अच्युता देवी दक्ष.... ६..... सुपार्श्वनाथ [७]
प्रतिष्ठ पृथ्वी दीनमणी, इक्ष्वाकु कुलचंद, तुला विशाखा राशि रूक्ष, भविजन नयनानंद.......... नभस्यशुदि अष्टमी चव्या, शुक्रसित बारश जात, स्वस्तिक लंछन हेम वर्ण, दो सय धनु विख्यात....२.... वाणारसी नयरी प्रभु, शुक्र सीत तेरश सार, ओक सहसशु ं व्रत लिये, हुवा जय-जयकार....३.... फागण वद छट्ठ श्रीश तरू, पाम्या केवल सार, त्रण लक्ष मुनि संयति, चउ लख त्रीश हजार..... ४...... प्रभु आयु वीश लक्ष पूर्व, पंचसया मुनि साथ, फागण वद सातम समेत - शैल थया सिद्धनाथ... . ५.... गर्भ मास नव ओगणीश, दिन मातंग यक्ष, संघ सकल दुरित हरे, शांतादेवी चंद्रप्रभु नुं [८]
दक्ष....६....
महसेन लक्ष्मणा नंदलो, इक्ष्वाकु कुल भाण, वृश्चिक अनुराधा प्रभु, राशि नक्षत्र प्रमाण....१.... चव्या मधु वद पंचमी, पोष वद बारश जाया, चंद्र लंछन प्रभु शुचि वर्ण, धनुष दोढशें काया.....२.... चंद्रपुरी नयरी धणी, पोष वद तेरश सार, ओक सहसशुं व्रत लिये, जगजंतु सुखकार.....३...... ज्ञान फागण वद सप्तमी, नागतरू परिवार, अढी लाख मुनि संयति, त्रणसो अंशी हजार.... ४..... नभस्य वदि सप्तमी समेत, अक सहस मुनि साथ, दश लाख पूर्वायु तजी, सिद्धि वर्या जगनाथ.... ५.... गर्भवास नव दिन सात, यक्ष विजय रंगे, विघ्न हरे शासन तणा, भृकुटी देवी संगे..... ६.....
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