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चैत्यवंदन
श्यामा राणी उर धर्यो, त्रीस लख वरसा राज, वर्षी दान देइ करी, जननां सीझ्या काज...२... कंपिल नयर सोहामणो, सुअर लंछन जाण, विमल भावे भविअण नमो, दुष्कृत नासे नाम...३...
अनंतनाथ नु [१४] सुणो सज्जन सुणो सज्जन भविअण जन लोयं...१... नयरी अयोध्या राजियो, सिंहसेन नप राज पाले, सुजसा राणी सीअली, करे धर्म विकर्म टाले...२... तास उयरे प्रभु उपना, लंछन सेना कंत, अकमना आराहि, जिन चउदमो अनंत...३..
धर्मनाथ नु [१५] रतन पुरवर रतन पुरवर भानु नरदेव...१... सुव्रता राणि सीअली, धरमनाथ उयरे धरिया, त्रिभुवन मन रंजिओ, हेम कुंभ अमिओ भरिया...२... लंछन वज्र सोहामणो, कहे चिहु भेदे धर्म, बारे परषदा सांभले, टाले अशुभ भ वि कर्म...३...
शांतिनाथ नु [१६] हस्ति पुरवर हस्ति पुरवर, राय विश्वसेन...१... अचिरा देवी मातनो, श्री शांति जिनवर, लाख चोराशी गज तुरी, सेवे जस सुर नर...२... चोसठ सहस अंतेउरी, चंपक सरीखं अंग, धन धन चक्री पांचमो, लंछन जास कुरंग...३...
कुंथुनाथ नु [१७] कुंथु प्रण, कुंथु प्रणमुं सुर समदेव...१...
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