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पर्वमाला
[२७]
मल्लि जन्मअर मल्लि पास, वर चरण विलासी, ऋषभ अजित सुमति नमी, मल्लि घनघाती विनाशी...५ पद्मप्रभ शिववास पास, भव भवना तोडी, अकादशी दिन आपती, ऋद्धि सघळी जोडी...६. दश क्षेत्रे त्रिहुं कालना, त्रणसें कल्याण, वर्ष अग्यार अकादशी, आराधो वर नाण...७... अग्यार अंग लखावीओ, अकादश पाठां, पूजणी ठवणी विटणा, मसी कागळ कांठां...८... अग्यार अव्रत छंडवाओ, वहो पडीमा अग्यार, क्षमाविजय जिन शासने, सफल करो अवतार...
[२] अंग अग्यार आराधीओ, एकादशी दिवसे, अकादश प्रतिमा वहो, समकित गुण विकसे...१... अकादशी दिवसे थया, दीक्षा ने नाण, जन्म लह्या केइ जिनवरा, आगम परमाण...२... ज्ञान विमल गुणवाधताओ, सकल कला भंडार, अगोयारश आराधतां, लहीले भवजल पार...३..
आज ओच्छव थयो मुज घरे, अकादशी मंडाण, श्री जिननां त्रणसे भला, कल्याणक घर जाण...१.. सुरतरु सुरमणि सुरघट, कल्पवेली फली मारे, अकादशी आराधतां, बोधि बीज चित्त ठारे...२... नेमि जिनेश्वर पूजतांओ, पहोंचे मनना कोड, ज्ञानविमल गुणथी लहो, प्रणमो बे कर जोड़...३...
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