________________
फ्र·
बाल ब्रह्मचारी श्री नेमिनाथाय नमः श्री आनंद क्षमा ललित सुशीलसागर गुरुभ्यो नमः
चैत्यवंदन पर्वमाला
मुनि श्री दीपरत्नसागर
M. Com., M. Ed.
( अभिनव लघु प्रक्रिया - संस्कृत व्याकरण के सर्जक )
[ सन् १९८६
संवत २०४५ ]
संपादक
फ्र
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
फ
www.jainelibrary.org