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________________ पर्वमाला [२५] दयांत दाता जगत केरो अभिनन्दन रत्नेश, श्यामकोष्ट मरुदेव नायक अतिपाव विशेष), नमो नन्दीषण व्रतधर श्री निर्वाणी दुःखहरं...७नेवु सौन्दर्यज्ञानी त्रिविक्रम जिन नरसिंह नमो तुमे, क्षेमंत संतोषित अरीहा कामनाथथी दुःख समे, मुनिनाथ ने श्री चन्द्रदाहओ दिलादित्य उदयकरं...टनेव अष्टाह्निक वणिक वंदो उदयज्ञान आराधीओ, तमोकन्द ने सायकाक्ष स्वामी खेमंत शिवसुख साधीओ, निर्वाणी रविराज साहिव प्रथमनाथ परमेश्वरं...हने श्री पुरुरवा अवबोध जगगुरु विक्रमेंद्र वखाणी, सुशांति हरदेव नन्दिकेश महामृगेंद्र मन आणीओ, अशोचित चित्तमां वसे नीत धर्मेंद्र जगजसकरं...१०ने अष्ववृन्द कुटिलक वर्धमान नन्दिकेशना, धर्मचन्द्र विवेक जगपति कलापक सोहामणा, विसोम सोम्याकृति जेनी अरण्यसंगी सुखकरं...११ने त्रिश चोवीशी दश क्षेत्रे कालत्रिक जिन लीजिओ, पंचकल्याणक त्रीस जिननां दोढसो गुणिजिअ, जिन भक्ति करतां ध्यान कोटि तप फल पामे नरं..१२नेवु पोषध उपवास करीने आराधे अकादशी, नरभव तेहनो सफल थाये परमानंद पद देहसी, गुरु रूपकीत्ति हृदय धरीने माणेक मुनि सुखक रं....१३ने [४] मल्लि जिनवरने नमो, करीने निर्मल भाव, जिनपूजा भवजलधिमां, तरवाने नाव...१... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003634
Book TitleChaityavandan Parvamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAbhinav Shrut Prakashan
Publication Year
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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