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चैत्य वन्दन आदि जिनेसर जनमीया, दीक्षा तिथि जाण, अजित सुमति वळो जनमीया, संभव चवन कल्याण..५... अभिनन्दन प्रभु पासजी, मुक्ते गया महाराज, चवन सुपार्श्व जाणी, नमी जन्म तिथि आज...६... मुनि सुव्रत जिन जनमीया, नेमी तणो निर्वाण, संप्रति जिननां जाणोओ, कल्याणक गुण खाण...७... अष्ट प्रातिहार्य शोभता, वीर जिनेन्द्र अभंग, अष्टमी महिमा आखीयो, कीत्तिचन्द्र दिल रंग...८...
[८] अके उणा पंच वर्ग, जिने आराहो, आठ वर्ग सुरपति नमे, धरी अंग उमाहो.. चोथा वर्ग ने साधवा, अहिज परम उपाय, अष्टापद गीरि थापीया, श्री भरतेसर राय...२. ज्ञान बिमल प्रभु सेवतांओ, आठ कर्म होय दूर, आठ अनंत गुण जिन लहो, अड मंगल भरपूर...३...
राजगृही उद्यानमां, वीर जिनेश्वर आव्या, देव इन्द्र चोसठ मल्या, प्रणमे प्रभु पाया...१. रजत हेम मणि रयणनां, तिहुयण कोट बनाय, मध्य मणिमय आसने, वेठा श्री जिनराय...२... चउविह धर्मनी देशना, निसुणे परषदा बार, तव गौतम महारायने, पुछे पर्व विचार...३... पंच पर्वी तुमे वर्णवी, तेमां अधिकी केण, वीर कहे गौतम सुणो, अष्टमी पर्व विषेण...४...
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