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तोर्थ-जिन विशेष
हसित वदन हेमगीरिने, पूजीओ पावन थइ, पुंडरीक पर्वतराज शतकुट, नमत अंग आवे नही, प्रीतिमंडण कर्मछंडण, शाश्वतो सुखकंद अ, श्वासमां सो वार वंदु, नमो गीरि गुणवंत अ...२ आनंदधर पुन्यकंद सुंदर, मुक्तिराजे मन वस्यो, विजयभद्र सुभद्र नामे, अचल देखत दिल वस्यो, पाताल मूल ने ढंक पर्वत, पुष्पदंत जयवंत हे, श्वासमां सो वार वंदु, नमो गीरि गुणवंत अ...३ बाहुबली मरुदेवी भगीरथ, सिद्धक्षेत्र कंचनगीरि, लोहिताक्ष कुलिनीवासमानस, रैवताचल महागीरि, शेजा मणी पुन्यराशी, कुंवरकेतु कहत है, श्वासमां सो वार वंदु, नमो गीरि गुणवंत अ...४ गुणकंद कामुक दृढशक्ति, सहजानंद सेवा करे, जय जगत तारण ज्योतिरूप, माल्यवंत ने मनोहरे, इत्यादिक बहु कीति माणेक, करत सुख अनंत हे, श्वासमां सो वार वंदु, नमो गीरि गुणवंत अ...५
(१०) नमो आदिदेवं, नमो आदिदेवं, कर सुर असुर, भक्तिथी जास सेवं,
चिदानंद संदोह नीला निधाम, नमो विमलगीरि, तीर्थनाथं प्रधानं...१...
नमो सिद्धक्षेत्रं, नमो पुंडरीकं, नमो हिमाचल सिद्धगीरि भक्ति छेकं,
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