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5 बाल ब्रह्मचारी श्री नेमिनाथाय नमः 5 श्री सिद्धाचलजीना चैत्यवंदनो (१) विमल केवल ज्ञान कमला, कंलित त्रिभुवन हितकरं, सुरराज संस्तुत चरण पंकज, नमो आदि जिनेश्वरं. १ विमल गीरीवर शृंग मंडण, प्रवर गुण गण भूधरं, सुर असुर किन्नर कोडि सेवित, नमो आदि जिनेश्वरं . २ करती नाटक किन्नरी गण, गाय जिन गुण मनहर, निर्जरा वली नमे अहोनिश, नमो आदि जिनेश्वरं. ३ पुंडरिक गणपति सिद्धि साधित, कोडि पण मुनि मनहरं, श्री विमल गीरीवर शृंग सिद्धा, नमो आदि जिनेश्वरं. ४ निज साध्य साधकसुर मुनिवर, कोडि नंत अ गीरीवरं, मुगति रमणी वर्या रंगे, नमो आदि जिनेश्वरं. ५ पाताल नर सुर लोक मांही, विमल गीरीवर तो परं, नही अधिक तीरथ तीर्थपति कहे, नमो आदि जिनेश्वरं. ६ 'इम विमल गीरिवर शिखर मंडण, दुःख विहंडण ध्याइओ, निज शुद्ध सत्ता साधनार्थं, परम ज्योति निपाइये. ७ जित मोह कोह विछोह निद्रा, परम पद स्थित जयकरं, 'गोरिराज सेवा करण तत्पर, पद्मविजय सुहितकरं.८ (२)
यह विमल गीरीवर सुर सेवित, तीर्थ जे शाश्वत सदा, महिमा मनोहर जेहनो, जिनराज गावे सर्वदा, मुनिराजना मंडल जिहां विचरी, परम सुख ने वर्या, गावो सदा गीरिराजना गुण, काज सघला तो सर्या. १
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