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________________ उत्तरज्झयणाणि परिशिष्ट ७: टिप्पण-अनुक्रम शब्द आदि टि० संख्या शब्द आदि टि० संख्या शब्द आदि टि० संख्या परमाहम्मिएसु (३१ । १२) पुढवीजीवा (३६।७१-७७) बहूणं बहुगुणे (६६) परलोगे (२२।१६) पुण्णाई (१३।२१) बारगाओ (२२।२२) परिग्गह (१६२६) पुरंदरे (११।२३) ३३ बालगवी (२७/१२) परिग्गहारंभनियत्तदोसा (१४।४१) पुराणपुरभेयणी (२०१८) बालग्गपोइयाओ (६२४) परिजूरइ (१०।२१) पुरिमतालम्मि (१३१२) बालस्स...धीरस्स (७।२८,२६) परितावेण (२॥३६) पुरिमस्स पच्छिमम्मी (२३ । ८७) बावत्तरि कलाओ (२१।६) परिदाहेण (२८) पुलए (३६।७६) बावीसाए परीसहे (३१ १५) परिन्नाय (४७) पुलागं (८१२) बाहाहिं संगोफ (२२।३५) परियागयं (५।२१) पुवकम्मखयहाए इम... (६।१३) बुद्धपुत्त नियागट्ठी (१७) परिभोयंमि चउक्क (२४ । १२) पुव्वमेवं (४।६) बुद्धे (११।१३) परियट्टणा (२६।२२) पुवसंजोग (८२) बुद्धोवघाई न सिया (१।४०) परियायधम्म (२१ । ११) पुव्वाइं वासाई (४।८) बेइंदिया (३६ । १२७) परिवाडीए न चिठेज्जा (१।३२) पुव्वा वाससया बहू (३।१५) बोहिलाभं (१७१) परिवूढे (७६) पुबिल्लम्मि समुट्ठिए (२६।८) बोही (८।१५) परिहारविसुद्धीयं (२८।३२) पूइदेह... (७।२६) बोक्कसो (३।४) पलिउंचंति (२७1१३) पेज्जदोसमिच्छादसण (२६।७२) पलियमसंखं (३४ । ४६) पेसलं (८१६) पल्हत्थियं... (91१६) पोएण ववहरते (२११२) भंडगं (२४ । १३) पवयणं (२६।२४) पोत्थं (२०१६) भंडयं (२६।८) पवाले (३६१७४) पोरिसिं (२६।१२) भंडवालो (२२ । ४५) पसन्ना (१६४६) पोरिसी (२६ । १३) भएसु (१९६१) पसीयंति (१।४६) पोसह (५।२३) भगवं (२१११०) पहं महालय (१०३२) पोसहरओ (४२) भत्तपच्चक्खाणेणं (२६ । ४१) पहाणमग्गं (१४।३१) पोसेज्ज एलय (७१) भद्दा (२२ । १७) पहाण (२११२१) भयट्ठाणेसु सत्तसु (३१।६) पागारं (६१८) भयभेरवा (१५ ॥१४) पाडिओ (१९५४) फणग (२२।३०) भयवं (६२) पाढवं सरीरं (३।१३) भयवेराओ उवरए (६६) फरुसा (२०२५) पाणं (१२।११) भरहो...महाबलो (१८३४-५०) फालिओ (१९५४) भल्लीहिं (१९५५) पाणी नो सुप्पसारए (२।२६) फलिहे (३६ १७५) पायच्छित्तं (३०।३१) फासा फुसंती (४।११) भारुडपक्खी (४६) पाली महापाली (१८२८) फिट्टई (२०।३०) भावणाहि य सुद्धाहिं (१६६४) पावकम्मेहि (४२) फोक्कनासे (१२६) भावसच्चेणं (२६।५१) भासं भासेज्ज (२४ । ६-१०) पावगं परिवज्जए (१।१२) भासइ पावगं (११८) पावसुयपसंगेसु (३१1१६) पाविओ (१६५७) बंध (१६।३२) भिक्खाए...कम्मई... (५१२२) भिक्खायरियं (३०। २५) पावियाहिं दिट्ठीहिं (८७) बंधू (१८।१५) भिक्खुधम्म (२०२६) पास (४१२) बंभगुत्तीसु (३१। १०) भिक्खु धम्मम्मि (३१ । १०) पासइ वज्झगं (२१।८) बंभणो (२५ । ३०) भिक्खूणं पडिमासु (३१ । ११) पासंडा (२३ । १६) बंभम्मि (३१।१४) भुंजते मंससोणियं (२०११) पासजाईपहे (६२) बल... (६४) भुयमोयग (३६।१५) पासाएसु गिहेसु च (६७) बलसिरी (१६२) भूइपन्ना (१२।३३) पासे (६।४, २३।१) बहवे परिभस्सई (३६) भूयग्गाम (५८) पिंडस्स पाणस्स (६।१४) बहिंविहार (१४ १४) भूयगामेसु (३१।१२) पिंडोलए... (५।२२) बहिंविहारा (१४ ११७) भूयत्थ (२८ । १७) पिंडोग्गहपडिमासु (३१।६) बहिया उड्ढमादाय (६।१३) भेयं (१६ सू० ३) पियायए (६६) बहु (८/१५) भेयं देहस्स कंखए (५३१) पिहुंडं (२११२) ५ बहुमए...मग्गदेसिए (१०।३१) २० भोइ ! (१४ ॥३२) पुच्छ भंते ! (२३ ॥ २२) १७ बहुस्सुए (११1१५) २३ भोइय (१५६) पुज्जसत्थे (१९४७) ७१ बहुहा बहुं च (१४।१०) १२ भोगामिस (८५) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003626
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Uttarajjhayanani Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2006
Total Pages770
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size25 MB
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