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________________ उत्तरज्झयणाणि ६७ परिशिष्ट १: पदानुक्रम भल्लीहिं पट्टिसेहि य १६-५ भिक्खियव्वं न केयव्वं ३५-१५ भेया छत्तीसमाहिया ३६-७७ भवकोडीसंचियं कम्म ३०-६ भिक्खुणा भिक्खवत्तिणा ३५-१५ भोइत्ता समणमाहणे ६-३८ भवणवइवाणमंतर ३४-५१ भिक्खुधमं विचिंतए २-२६ भोए चयसि पत्थिवा ६-५१ भवतण्हा लया वुत्ता २३-४८ भिक्खुधम्ममि दसविहे ३१-१० भोगकालम्मि संजया ! २०-८ भवप्पवंच उम्मुक्का ३६-६३ भिक्खू कुज्जा वियक्खणो २६-११,१७ भोगा इमे संगकरा हवंति १३-२७ भवम्मि चरिमम्मि उ ३६-६४ भिक्खू जायाहि अन्नओ २५-६ भोगामिसदोसविसण्णे भवसिद्धीयसंमए ३६-२६८ भिक्खूणं पडिमासु य ३१-११ भोगी भमइ संसारे २५-३६ भवाओ परिमुच्चए ६-२२ भिक्खू दत्तेसणं चरे १-३२ भोगे भुंजाहि संजया ! २०-११ भवाहि मणुयाहिवा ६-४२ भिक्खूधम्ममि दसविहे ३१-१० भोगे भोच्चा वमित्ता य १४-४४ भविस्सामो जहा इमे १४-४५ भिक्खू न भवइ तारिसो ३५-१४ भोच्चाण भोए सह इत्थियाहिं १४-६ भवे देवि त्ति मे सुयं ७-२६ भिक्खू परमसंजए ३५-७ भोच्चा पेच्चा सुहं सुवइ १७-३ भवोहंतकरा मुणी २३-८४ भिक्खेणं भिक्खुउत्तमा २५-३७ भोच्चा माणुस्सए भोए ३-१६ भाणू य इइ के वुते ? २३-७७ भिच्चाविहूणो व्व रणे नरिंदो १४-३० भो भिक्खू सव्वकामियं २५-८ भायणं पडिलेहए २६-२२ भिन्ना हुन डहति मे २३-५३ भोमिज्जवाणमंतर ३६-२०४ भायणं सव्व दव्वाणं २८-६ भिसं कूराई कुब्वइ ५-४ भोमेज्जाणं जहन्नेणं ३६-२१६ भायरं बहुमाणेणं १३-४ भीए संते मिए तत्थ १८-३ भोयणे परिणिट्टिए २-३० भायरो मे महाराय ! २०-२६ भीमा भयभेरवा उराला १५-१४ भोयावेउं बहुं जणं २२-१७ भारिया मे महाराय ! २०-२८ भीमा भीमफलोदया २३-४८ भारुंडपक्खी व चरप्पमत्तो ४-६ भीयं पवेवियं दटुं २२-३६ भावं चादुत्तर सुण ३३-१६ भीया य सा तहिं द? २२-३५ मए उ मंदपुण्णेणं १५-७ भावणाहि य सूद्धाहिं १६-६४ भुओरगपरिसप्पा य ३६-१८१ मए नायमणायं वा २०-२६ भावम्मि य आहिया उजे भावा ३०-२४ भुजंते मंससोणियं २-११ मए सोढाओ भीमाओ १६-४५ भावसच्चेणं भंते ! जीवे .... २६ स०५१ भुज माणुस्सए भोगे १६-४३ मए सोढाणि भीमाणि १६-४६ भावस्स मणं गहणं वयंति ३२-८८ भुंजमाणे सुरं मंसं ५-६, ७-६ मंतं मूलं विविहं वेज्जचिंतं १५-८ भावाणुगासाणुगए य जीवे ३२-६२ भुंजामि माणुसे भोगे २०-१४ मंतमूलविसारया २०-२२ भावाणुरत्तस्स नरस्स एवं ३२-६७ भुंजामु ता कामगुणे पगामं १४-३१ मंताजोगं काउं ३६-२६४ भावाणुवाएण परिग्गहेण ३२-६३ भुंजाहि भोगाइ इमाइ भिक्खू ! १३-१४ मंदा निरयं गच्छंति ८-७ भावे अतित्तस्स परिग्गहे य ३२-६५ भुंजाहि भोगाइ मए समाणं १४-३३ मंदा य फासा बहुलोहणिज्जा ४-१२ भावे अतित्ते य परिग्गहे य ३२-६४ भुंजाहि सालिमं करं १२-३४ मंसट्ठा भक्खियव्वए २२-१५ भावे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो ३२-६६ भुंजित्तु नमीराया मग्गं कुसीलाण जहाय सव्वं २०-५१ भावेणं पज्जवेहि य ३०-१४ भुज्जो अच्चिमालिप्पभा ५-२७ मग्गं च पडिवज्जई २३-५६ भावेणं सद्दहंतस्स २८-१५ भुज्जो जत्थ मणुस्सेसु ७-२७ मगं बुद्धेहि देसियं ३५-१ भावे विरत्तो मणुओ विसोगो ३२-६६ भुज्जो वि मंदा ! पगरेह पावं १२-३६ मग्गं विराहेत्तु जिणुत्तमाणं २०-५० भावेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्यं ३२-८६ भुत्तभोगा तओ पच्छा २२-३८ मग्गगामी महामुणी २५-२ भावोमाणं मुणेयव्वो ३०-२३ भुत्तभोगी तओ जाया १९-४३ मग्गे उप्पहवज्जिए २४-५ भासई मुणिवरो विगयमोहो __८-३ भुत्ता दिया निति तमं तमेणं १४-१२ मग्गेण जयणाइ य २४-४ भासं भासेज्ज पन्नवं २४-१० भुत्ता रसा भोइ ! जहाइ णे वओ १४-३२ मग्गे तत्थ सुहावहे २३-८७ भासच्छन्ना इवग्गिणो २५-१८ भुत्ता विसफलोवमा मग्गे य इइ के वुत्ते ? २३-६२ भासादोसं परिहरे १-२४ भुयमोयगइंदनीले य ३६-७५ मघवं नाम महाजसो १८-३६ भासियव्वं हियं सच्चं १६-२६ भूईकर्म च जे पउंजंति ३६-२६४ मच्चुणाब्भाहओ लोगो १४-२३ भिक्खट्ठा बंभइज्जम्मि १२-३ भूयग्गामं विहिंसई ५-८ मच्चू नरं नेइ हु अंतकाले १३-२२ भिक्खमट्ठा उवट्ठिए २५-५ भूयत्थेणाहिगया २६-१७ मच्छा जहा कामगुणे पहाय १४-३५ भिक्खमाणा कुलेकुले १४-२६ भूयाणं जगई जहा १-४५ मच्छा य कच्छभा य ३६-१७२ भिक्खाए वा गिहत्थे वा ५-२२,२८ भूयाणं दीसई वहो ३५-६ मच्छियपत्ता तणुयरी ३६-५६ भिक्खायरियमाहिया ३०-२५ भेओ होइ आहिओ ३६-१६८ मच्छिया मसगा तहा ३६-१४६ भिक्खायरिया य रसपरिच्चाओ ३०-८ भेत्तूणं कम्मकंचुर्य मच्छे जहा आमिसभोगगिद्धे ३२-६३ भिक्खालसिए एगे २७-१० भेयं देहस्स कंखए ५-३१ मच्छो वा अवसो अहं १६-६४ भिक्खावत्ती सुहावहा ३५-१५ भेया अट्ठवीसई ३६-१७ मज्झिमा उज्जुपन्ना य २३-३६ १९-११ E-२२ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003626
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Uttarajjhayanani Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2006
Total Pages770
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size25 MB
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