________________
१२१ मनुष्य में असुरकुमार ऊपजै तेहनों यंत्र (१७)
गमा २० द्वार नी संख्या
संघयण द्वार
अव० भवधारणी
अव० उत्तर वै०
संडाण
लेश्या द्वार दृष्टि द्वार
झान-अज्ञान द्वार | योग द्वार
जपयोग द्वार ।
उपपात द्वार परिमाण द्वार जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
मूल
दैकिय
३
असंघवणी
४ पहली |
३
३नियमा।
भजना ३
२
१ २ ३
ओधिक नै ओधिक पृषक मास | कोडपूर्व । १२.३ । संख्याता ओधिक नै जघन्य | पृथक मास | १पृथक मास ऊपज ओधिक उत्कृष्ट १कोडपूर्व १कोड़पूर्व
आंगुल नो সময় মাস
आंगुल नों संख्याता
१लास योजन
| समचौरंस
नाना प्रकार
भाग
असंघयणी
हाथ
३
३नियमा
३भजना।
३
४ जघन्य नै ओधिक पृथक मास ५ जघन्य नै जघन्य पृथक् मास
जमय उत्कृष्ट | कोडपूर्व
कोडपूर्व । १२.३ । संख्याता | पृमक मास ऊपजै । ऊपजै पकोडपूर्व
आंगुल नो असंख माग
आंगुल नों संख्याता भाग
१लाख योजन
नाना प्रकार
|समचौरंस
७
१लाख
उत्कृष्ट न ओधिक|पृथक मास | १कोडपूर्व । १२.३ [संख्याता | असंघयणी | भांगुल नो उत्कृष्ट नै जघन्य | पृथक् भास | पृथक मास ऊपजै ।
असंख भाग उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व | कोहपूर्व
आंगुल नों संख्याता भाग
योजन
समचौरंस
प्रकार
१२२ मनुष्य में नवनिकाय ऊपजै तेहनों यंत्र (१८.२६)
६
गमा २० द्वार नी संख्या
उपपातद्वार
संघयणद्वार
अव० भक्धारणी
अव० उत्तर ३०
संताण
लेश्या द्वार | दृष्टि द्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योग द्वार | उपयोग कर
परिमाण द्वार जधन्य उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
जपच । उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
मूल
३
१
संख्याता
| असंधपणी
हाथ
आंगुल नों
जाना
४ पहली
३
नियमा
३भजना।
३
।
ओधिक + ओधिक पथक मास कोडपुट ओधिक जघन्य | पृषक मास
| पृथक मास आधिकनै उत्कृष्ट पकोडपूर्व १को डपूर्व
आगुल में अशंख भाग
१लाख योजन । समदौरस ।
३
असंघवणी
|
हाथ
४पहली
३
नियमा।
३ भजना ।
३
४ ५
जघन्य अधिक पृथक मास | वोडपूर्व | १२३ राण्याता
व जघन्य |१पृथक् मास पृथक मास ऊपजे । जघन्य उत्कृष्ट १योडपूर्व । | १कोडपूर्व
आंगुल नों असंखभाग
अंगुलना सध्याता भाग
नाना प्रकार
योजन
1 समचौरस
हा
नियमा
नियमा३
।
उत्कृष्ट ३ ओधिक पृथक् मासकोअपूर्व | १२ | सख्याता । असंघधणी ८. उत्कृष्ट जघन्यवृषक मास पृथकुमास ऊपजे ऊपजे
सकृष्ट नै उत्कृष्ट योडपूर्त । कोहपूर्व
आंगुल नौ । असंखभाग
आगुलनों सख्याता
१लाख योजन
नाना ! ४ पहली प्रकार
समचौरस
१२३ मनुष्य में व्यंतर ऊपजै तेहनों यंत्र (२७)
गमा २० द्वार नौ संख्या
रूपयन हार
|
अव० भदधारणी
अव० उतर.
संठाण
लेश्याद्वारदाटदार
शान-अज्ञान द्वार
योग द्वार उपयोग
उपपात द्वार । परिमाण द्वार
उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
जन्य
क्रिय
हाथ
४हलो ३
३नियमा
३मजना
२
१ ओधिक नै ओधिक पृथक मास | १कोजपूर्व १२.३ २ ओधिक नै जघन्य | पृथक मास | १पृथक मास उपजे ३ ओधिक नै लत्कृष्ट १कोडपूर्व । १कोडपूर्व
संख्या | असंध्यणी | आंगुलों ऊपजे।
असंख भाग
आंगुल नौ सख्याता
लाख योजन | समचौरस
प्रकार
भाग
संख्याता | असंघाणी
हाथ
जाना
४ पहली
निवगा
भजना।
३
।
जधन्य नै ओधिक पृथक् मासा कोडपूर्व । १२.३ जघन्य जघन्य पथक रास | पृथक मास उपजै जघन्य नै उत्कृष्ट १कोडपूर्व | कोडपूर्व
अंगुल नों असंखभाग
आं गुलनों संरख्याता
नाव योजन
५ ६
समचौरस |
भाग
७ उत्कृष्ट ओधिक पथक मास कोडपूर्व | १२.३ संख्या असणी उत्कृष्ट नै जघन्यपृथक मास | १पृथक मास उपजे ।
अपने उत्कृष्ट ने उत्कृष्ट १ कोडपूर्व झोडपूर्व
अंगुल नोंहाथ असं भाग
आगुल नो सत्याता भाग
लास योजन । समदौरस |
प्रकार
३१२
भगवती-जोड़ (खण्ड-६)
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org