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१०६ मनुष्य में दूजी नरक नां नेरइया ऊपजै तेहनों यंत्र (२)
गमा २०द्वार नी संख्या
संघयण द्वार |
अव० अवधारणी
|
अव० उत्तर
संठाण द्वार | लेश्या द्वार
दृष्टि द्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
उपपात द्वार
परिमाण द्वार उत्कृष्ट जघन्य | उत्कृष्ट
उत्कृष्ट
जघन्य
| उत्कृष्ट
| असंघषणी
संख्याता ऊपजै
| आंगुल नों असंख भाग
१हुंडक | १कापोत
३
ओधिक नै ओधिक पृथक वर्ष ओधिक नै जघन्य पृथक वर्ष ओधिक नै उत्कृष्ट १कोडपूर्व
३नियमा । ३नियमा
कोडपूर्व । १.२.३ १पृथक वर्ष | ऊपजै १ कोहपूर्व
२ ३
| १५॥धनु.
१२ आंगुल
आंगुल नों। संख्याता भाग
३१॥ पनुष्य
संख्याता | असंघयणी
४ जघन्य नै ओधिक पृथक वर्ष ५ जघन्य नै जघन्य १पृथक वर्ष ६ जघन्य नै उत्कृष्ट कोडपूर्व
१.२.३ ऊपजै
१हुंडक | १कापोत
३ नियमा
1ोडपूर्व १पृथक वर्ष १कोडपूर्व
| आंगुल नों असंख भाग | १२ आंगुल
आंगुल नौ संख्याता भाग
धनुष्य
असधयणी
१हुंडक
| १कापोत
३नियमा
७ उत्कृष्ट नै ओधिक पृथक वर्ष
उत्कृष्ट नै जघन्य पृथक वर्ष ६ उत्यूष्ट उत्कृष्ट कोडपूर्व
३नियमा
कोडपूर्व
पृथक वर्ष १कोडपूर्व
૧૨૩ ऊपजे
संख्याता ऊपज
आंगुलनों असंखभाग | २ आंगुल
| आंगुल नों
संख्याता
धनुष्य
१०७ मनुष्य में तीसरी नरक नां नेरइया ऊपजै तेहनों यंत्र (३)
गमा २० द्वार नी संख्या
उपपात द्वार
संघयण द्वार |
अव० भवधारणी
।
अव उत्तर के
संठाणद्वार | लेश्या द्वार| दृष्टिद्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योग द्वार उ
परिमाण द्वार जघन्य । उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
जघन्य ।
उत्कृष्ट
जघन्य
संख्याता
असंघयणी
३
नियमा । ३नियमा
१ २ ३
ओधिक नै ओधिक पृथक् वर्ष | ओधिक नै जघन्य | पृथक् वर्ष ओधिक नै उत्कृष्ट १कोडपूर्व
१कोडपूर्व १पृथक वर्ष १कोङपूर्व
| १२.३
ऊपजे
आंगुल नो | ३१॥ धनुष्य असंख भाग
आंगुल नों संख्याता
६२।। धनुष्य
नील कापोत
ऊपजै
४
१२.३
संख्याता | असंघयणी
॥धनुष्य
आंगुल नों
१हुंडक
|
कापोत |
३
३नियगा
आंगुल नौ | असंख भाग
३नियमा
जघन्य नै ओधिक १ पृथक वर्ष | १कोडपूर्व जधन्यनैजपथ पृथक वर्ष पृथक वर्ष जघन्य नै उत्कृष्ट १कोडपूर्व | कोडपूर्व
संख्याता
अनुष्य
६
भाग
संख्याता
असंघयणी
नील
नियमा
१हुंडक
३नियमा
उत्कृष्ट ओधिक पृथक वर्ष उत्कृष्ट जघन्य |१पृथक वर्ष उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व ।
१कोडपूर्व १पृथक वर्ष १कोडपूर्व
૧૩. ऊप
आंगुल नो | ३१ धनुष्य असंखभाग
आंगुल नों संख्याता
१०८ मनुष्य में चौथी नरक नां नेरइया ऊपजै तेहनों यंत्र (४)
गमा २०द्वार नी संख्या
संघयण द्वार
अव० भवधारणी
संठाण द्वार लेश्या द्वार
दृष्टिद्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योगद्वार उपयोग
उपपात द्वार | परिमाण द्वार जघन्य | उत्कृष्ट जघन्य | उत्कृष्ट
अव० उत्तर ०
उत्कृष्ट
उत्कृष्ट
१२३ ।
असंघयणी
संख्याता ऊपजै
आंगुल नो] असख भाग
६२।। पनुष्य
| १२५ धनुष्य
आंगुल नो संख्याता
१हुंडक
नील
३ नियमा |
ओधिकनै ओधिक १ पृथक वर्ष ओधिक जघन्य | १पृथक वर्ष ओधिक नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व
नियमा |
१कोडपूर्व १पृथक वर्ष १कोडपूर्व
३
३.
२ ३
ऊपजे
भाग
संख्याता
असंघयणी
१नील
| १२५ धनुष्य
४ ५ ६
३नियमा ।
जघन्य नै ओधिक पृथक वर्ष | १कोडपूर्व जघन्य नै जघन्य | पृथक वर्ष १पृथक वर्ष जघन्य नै उत्कृष्ट कोडपूर्व। १कोडपूर्व
१२.३ । रुपमै
आंगुल नो। असंख माग
आंगुल नों संख्याता भाग
असंघयणी |
६२॥
| १२५ धनुष्य
१नील
३नियमा |
नियमा
३
उत्कृष्ट नै ओधिक पृथक वर्ष उत्कृष्ट जपन्य पृथक वर्ष उत्कृष्ट नै उत्कृष्चकोडपूर्द
१कोटपूर्व १पृचर्य रूप कोडपूर्व
संख्याता ऊपजे
आंगुल नो असंख भाग
| आंगुल नों
संख्याता
३०२
भगवती-जगेड (खण्ड-६)
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