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________________ १०० तिर्यंच पंचेंद्रिय में चौथे माहेन्द्र देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३५) गमा २० द्वार नी संख्या १ २ ३ ४ ५ ६ DUN! ७ ६ -२६८ १ २ mar ओधिक नै ओधिक ओधिक नैं जघन्य अधिक नै उत्कृष्ट गमा २० द्वार नी संख्या जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य मैं उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट मैं जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट १ २ Y ५ ६ ओधिक नै ओधिक ओधिक मैं जघन्य | ओधिक मैं उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य मैं उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नैं जघन्य उत्कृष्ट नैं उत्कृष्ट गमा २० द्वार भी संख्या ओधिक नै ओधिक ओधिक मैं जघन्य ओधिक मैं उत्कृष्ट जघन्य जघन्य नैं ओधिक जघन्य नै जधन्य जघन्य नै उत्कृष्ट १] अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १] अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १] कोड पूर्व Jain Education International १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व उपपात द्वार जघन्य १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व जघन्य १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट मैं जधन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट भगवती जोड़ (खण्ड-६) उत्कृष्ट १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १०१ तिर्यंच पंचेंद्रिय में पांचवें ब्रह्म देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३६) 3 संघयण द्वार ६ असंघवणी १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १] कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १] कोड पूर्व १ कोडपूर्व अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ उपपात द्वार उपपात द्वार उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १. कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ कोड पूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १. कोड पूर्व जघन्य १.२.३ ऊपजै १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १] कोड पूर्व परिमाण द्वार १.२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै जघन्य १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै १.२.३ ऊपजै जघन्य उत्कृष्ट संखया असंख ऊपजै १२.३ ऊपजै संखया असंख ऊपजै १०२ तिर्यच पंचेंद्रिय में छट्टे लंतक देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३७) १२.३ ऊपजै असंख ऊपजै २ परिमाण द्वार उत्कृष्ट संखया असंख ऊपजे संखया असंख ऊपजै २ परिमाण द्वार उत्कृष्ट संखया असंख ऊपजै संख या असंख ऊपजै 3 संघयण द्वार ६ संख या असंख ऊपजै असंघयणी संख या असंख ऊपजै असंघयणी असंघयणी असंघयणी असंघयणी 3 संघयण द्वार ६. असंघयणी असंघयणी जघन्य असंघयणी ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट ६ हाथ आंगुल न असंख भाग आंगुल न असंख भाग आंगुल न असंख भाग जघन्य आंगुल न असंख भाग अवगाहना द्वार उत्कृष्ट ५ हाथ आंगुल न असंख भाग आंगुल न असंख भाग जघन्य आंगुल न असंख भाग ६ हाथ आंगुल न असंख भाग ६ हाथ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट ५] हाथ आंगुल न असंख भाग ५. हाथ हाथ ५] हाथ ५ हाथ ५. संठाण द्वार ६ १ समधीरंस [१] समचौरंस १ समचौरंस ५ संठाण द्वार ६ १ समचौरंस १ समधीरंस १ समचौरंस संठाण द्वार ६ १ समचौरस १ समचौरंस १ समचौरंस For Private & Personal Use Only ६ लेश्या द्वार ६ १ पद्म १ पदम १ पद्म ૬ लेश्या द्वार ६ १ पद्म १ पद्म १ पद्म लेश्या द्वार १ शुक्ल १ शुक्ल १ शुक्ल ७ दृष्टि द्वार ३ ३ Al ३ 19 दृष्टि द्वार 3 ३ 3 19 दृष्टि द्वार 3 ३ 3 ज्ञान-अज्ञान द्वार ५ ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ५ ३ नियमा ३ नियमा ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ नियमा ५ ३ नियमा ३ नियमा ३ द ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३. नियमा 3 ३ नियमा ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ नियमा ३ नियमा 3 ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा १ योग द्वार ३ ३ ३ 3 ' योग द्वार ३ 3 ३ 3 ६ योग द्वार ३. ३. 3 १० उपयोग द्वा २ २ उपयोग २ उपयोग द्वार २ २ www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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