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________________ ६७ तिर्यंच पंचेंद्रिय में पहला सौधर्म देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३२) गमा २० द्वार नी संख्या १ २ 3 ४ ५. ६ 19 ८ ६ [orm ww.sun गमा २० द्वार नौ संख्या १ २ 3 ४ ५ ओधिक नै अधिक ओधिक नैं जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट ६ 19 उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट गमा २० द्वार नी संख्या ५ ६ २६६ ओधिक नै ओधिक ओधिक नैं जघन्य | ओधिक मैं उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट में उत्कृष्ट ओधिक नै ओधिक ओधिक नैं जघन्य | ओधिक मैं उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट उपपात द्वार | उत्कृष्ट मैं ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट ने उत्कृष्ट जघन्य १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व Jain Education International १] अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त १ १] कोड पूर्व जघन्य १ अंतर्मुहूर्त १] अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व ६८ तिर्यंच पंचेंद्रिय में दूसरे ईशान देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३३) १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व जघन्य १] अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व उत्कृष्ट भगवती-जोड़ (खण्ड-६) १] कोडपूर्व १] अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १ उपपात द्वार १] अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १] कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ कोड पूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व १ उपपात द्वार उत्कृष्ट 1 कोडपूर्व १] अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व जघन्य १.२.३ ऊपजै १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोड पूर्व ૧૨.૩ ऊपजै २ परिमाण द्वार ૧૨.૩ ऊपजै जघन्य ૧૨.૩ ऊपजै १२.३ ऊपजे २ परिमाण द्वार उत्कृष्ट १२.३ ऊपजै उत्कृष्ट ६६ तिर्यंच पंचेंद्रिय में तीसरे सनतकुमार देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३४) 3 संघयण द्वार ६ असंघयणी जघन्य संख या असंख ऊपजै ૧૨.૩ ऊपजे संख या असंख ऊपजै १२.३ ऊपजै संखया असंख ऊपजै १२.३ कपी संख या असंख ऊपजै परिमाण द्वार उत्कृष्ट संख. या असंख ऊपजै संखया असंख ऊपजे संखया अरांख ऊपजै ३ संघयण द्वार ६ सख या असंख उप असंघयणी सख या अतंख ऊप असंघयणी असंघयणी 3 संघयण द्वार ६ असंघयणी असंघयणी असंघयणी अराघयणी अवगाहना द्वार जघन्य असंपवणी आंगुल न असंख भाग आंगुल न असंख भाग आंगुल नॉ असंख भाग जघन्य आंगुल न असंख भाग आंगुल न असंख भाग ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट आंगुल न असंख भाग जघन्य आंगुल न अराख भाग उत्कृष्ट आंगुल न असंख भाग ७ हाथ आंगुल न असंख भाग हाथ हाथ ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट ६ हाथ 19 हाथ ७ हाथ ७ हाथ ६ हाथ ६ हाथ ५. संठाण द्वार ६ १ समचौरस १ समचौरंस १ समचौरंस ५. संठाण द्वार ६ १ समचौरंस १ समचौरंस १ समचौरंस ५. संठाण द्वार ६ [१] समचौरस १ समचौरंस १ समचौरंग For Private & Personal Use Only लेश्या द्वार ६ १ तेजु १ तेजु १ तेजु ६ लेश्या द्वार ६ १ तेजु तेजु १ तेजु ६ लेश्या द्वार ६ १ पद्म १ पद्म १ पद्म दृष्टि द्वार 3 3 1 दृष्टि द्वार ३ 3 ३ दृष्टि द्वार ३ ३ 3 ३ ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ ५ ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ५ ३ नियमा ३ नियमा ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ नियमा ५ ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियम्य 3 ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ६ योग द्वार ३ ३ 3 3 योग द्वार ३ 3 ३ 3 ६ योग द्वार ३ 3 A 3 १० उपयोग २ उपयोग उपयोग | " www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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