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________________ २० संज्ञा द्वार कवायदार इन्द्रिय द्वार समुदघात द्वार| वेदनाद्वार | वेद द्वार आयद्वार आध्यवसायवार अनुबधद्वार नाणता कायसवेध द्वार जघन्य काल उत्कृष्ट काल जघन्य उत्कृष्ट असंख्याता जघन्य उत्कृष्ट जघन्य | उत्कृष्ट | १फर्श ३पहली । २ नपुंसक अंतर्मुहूर्त | १० अंतर्मुहूर्त भला भूडा १० | हजार वर्ष हजार वर्ग अंतर्मु १अंतर्मु १अंग अंतर्मु १अंत १ कोडपूर्व ४० हजार वर्ष ४ कोडपूर्व ४० हजार वर्ष ४ अंतर्मु. ४० हजार वर्ष ४ कोडपूर्व १ फर्श ३पहली २ नपुंराक अंतर्मुहूत | अंतर्मुहूर्त मूंडा अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त अव० लेश्या आयु आय०अनु० १अंतर्मु. १अंआM. १अंतर्ग. अंत. १ अंतर्गु १ कोडपूर्व ४ अंतर्मु ४ कोडपूर्व ४ अंतर्मु ४ अंतर्मु ४ अंतर्मु. ४ कोडपूर्व १फर्श ३पहली | १नपुसक भला भंडा हजार वर्ष हजार वर्ष हजार वर्ष हजार वर्ष आयु, अनु० १० हजार वर्ष १अंतर्मु. ५० हजार वर्ष अंतर्मु. १० हजार वर्षकोडपर्व । ४० हजार वर्ष ४ कोडपूर्व ४० हजार वर्ष ५ अंतर्मु ४० हजार दर्ष ४ कोडपूर्व २० ११ संज्ञा द्वार १२ कवाय द्वार १५ | १६ समुदधात द्वार | वेदना द्वार | वेद द्वार इन्द्रिय द्वार १८ १६ अध्यवसाय द्वार अनुबंध द्वार असख्याता | जघन्य | उत्कृष्ट नाणता भव आयुद्वार |जघन्य उत्कृष्ट कायसंवेधार जघन्य उत्कृष्ट जधन्यकाल उत्कृष्ट काल ३पहली | २ २फर्श रस नपुंसक | अंतर्मुहूर्त १२ अंतर्मुहूर्त | १२ मला मुंडा १अंतर्मु १अंतर्मु. १अंतर्मु अंतर्नु १ अंत १ कोडपूर्व ४८ वर्ष ४ कोडपूर्व ४६ वर्ष ४ अंतर्नु ४. वर्ष ४ कोडपूर्व به به بهانه به ३ पहली । २ नपुंसक अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त डा. अंतर्मुहूर्ता अंतर्मुहूर्त | अद०, दृष्टि, ज्ञान, | योग आयु, अध्य०. अनु० | १ अंत अंतर्मु १अंतर्मु १अंतर्मु. १ अंत १ कोडपूर्व ४ अंतर्मु, ४ कोडपूर्व ४ अंतर्मु. ४अंतर्नु ४ अंतर्मु.४ कोडपूर्व ३पहली २ नपुंसक | २ फर्श रस आयु,अनु. १२ वर्ष १अंतमु १२ वर्ष अंतर्ग १२ वर्ष १कोडपूर्व ४८ वर्ष ४८ वर्ष ४. वर्ष ४ कोडपूर्व ४ अंतर्नु ४ कोडपूर्व ११ ७ १२ | कवाय द्वार १३ इन्द्रिय द्वार नाणता समुदपात द्वार | वेदना द्वार | वेद द्वार | २ । ३ आयुद्वार जघन्य | उत्कृष्ट अध्यवसाय द्वार अनुबधद्वार असंख्याता | जघन्य | उत्कृष्ट कायसवेध द्वार जघन्य काल उत्कृष्ट काल जघन्य| उत्कृष्ट । ३पहली २ नपुंसक | अंगहूर्त | दिन रात भला अंतर्मुहूर्त | ४६ | दिनरात भंडा अंतर्मु, १८ १अंत अंत १अंत १ कोड़पूर्व १९.६ दिन रात ४ कोडपूर्व १६ दिन रात ४ अंतर्मु. १६६ दिन रात ४ कोङपूर्व ३पहली नपुंसक | अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त __डा अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त अव०, दृष्टिज्ञान योग, आयु, अध्य., अनु। १अतर्मु. १अंत. १.अंतर्गु. १अत १अंतर्मु कोडपूर्व ४ अंतर्मु. ४ कोडपूर्व ४ अंतर्नुअल ४ अंतर्मु. ४कोडपूर्व २ ४ | ३ ३पहली | १नपुंसक | | ४६ दिन रात | दिन रात भाता मुंडा ४६ | ४ | दिन रात दिन रात आयु अनु० ४१ दिन रात पार्नु ४.दिन रात ४६ दिन रातकोजपूर्व | १६६दिन रात ४ कोडपूर्व १६६ दिन रात अंत १६६ दिन रात ४ कोहपूर्व गमा २८६ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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