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________________ २७८ ७१ तीन विकलेंद्रिय में संख्याता वर्ष नां सन्नी तिर्यंच ऊपजै तेहनों यंत्र (१०) १ उपपात द्वार गमा २० द्वार नी संख्या २ 3 ४ ૧ ६ 19 ८. ६ ~~*~ ५ गमा २० द्वार नौ संख्या ६ ओधिक नै ओधिक अधिक नैं जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट ७ जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट ६ ६ उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट अधिक नै ओधिक अधिक नै जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट में उत्कृष्ट जघन्य Jain Education International १४.७ गमै जिन जिन ठिकाण ऊपजे तिन रै जघन्य उत्कृष्ट आयु में ऊपजै उत्कृष्ट २५० गर्म जिन जिन ठिकाण ऊपजे तिण रे जघन्य आयु में ऊपजै ३.६.६ गने जिन जिन ठिकाण ऊपजे तिज रे उत्कृष्ट आयु में ऊपजै । जघन्य उपपात द्वार उत्कृष्ट १४.७ गमै जिण जिन ठिकाण ऊपजे तिन रे जघन्य उत्कृष्ट आयु में ऊपजै । भगवती-जोड़ (खण्ड-६) २.५८ गमे जिन जिण ठिकाण ऊपजे तिण रे जघन्य आयु में ऊपजै ३.६.९ गर्म जिन जिन ठिकाण ऊपजै तिज रे उत्कृष्ट आयु में ऊपजै । परिमाण द्वार ७२ तीन विकलेंद्री में संख्याता वर्ष नां सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (११) जघन्य १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै जघन्य १२.३ ऊपजै उत्कृष्ट १२.३ ऊपजै संख या असंख ऊपजै परिमाण द्वार १.२.३ ऊपजै संखया अरांख ऊपजै संखया असंख ऊपजै उत्कृष्ट संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै संघयण द्वार ६ संख्याता ऊपजै ६ 3 संघयण द्वार ६ ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट ६ जघन्य आंगुल न असंख भाग आंगुल न असख भाग आंगुल न असख भाग जघन्य आंगुल न असंख भाग ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट ५. सी मनुष्य आंगुल न असंख भाग १ हजार योजन ५. सी धनुष्य आंगुलन असंख भाग १ हजार योजन आंगुलनी असंख भाग ५. सौ धनुष्य ५ सठाण द्वार ६ ६ For Private & Personal Use Only ६ ६ ५ संठाण द्वार ६ ६ ६ ६ ६ लेश्या द्वार ६ ३ पहली लेश्या द्वार ६ ३] पहली ७ दृष्टि द्वार ३ ३ १ मिथ्या ७ दृष्टि द्वार ३ ३. १ मिध्या ज्ञान-अज्ञान द्वार 3 ५ ३ भजना ३ भजना ५ ४ भजना उभजना ज्ञान-अज्ञान द्वार 3 0 २ नियमा ३ भजना भजना २ नियमा ३ भजना योग द्वार ३ 3 १ काय 3 ६ योग द्वार 3 ३ उपयोग द्वा २ उपयोग २ ~ www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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