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५५ च्यार थावर में असन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (१२)
गमा २० द्वार नी संख्या
| संघयण द्वार
सठाण द्वार
तेश्या द्वार
दृष्टि द्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योग द्वार
उपयोग
उपपात द्वार जघन्य उत्कृष्ट
परिमाण द्वार जघन्य
अवगाहना द्वार जघन्य उत्कृष्ट
१ वटो
आंगुलनों
आंगुलनों
पहुंडक
१मिथ्या
२नियमा
१काया
ओधिक ओपिक | गर्म जघन्य उत्कृष्ट आयु में ओधिक जघन्य गजघन्य आयु में ओधिक नै उत्कृष्ट | ३ गमै उत्कृष्ट आयु में कपजै।
१२३ ऊपते
संख या असंख ऊपजे
भाग
कायसंवेध द्वार
अप में असन्नी मनुष्य
बनस्पति में असन्नी मनुष्य उपन्य काल
उत्कृष्ट काल
उत्कृष्ट काल
اله
به له
१अंतर्मु०१अंत १अंगगुं० १अंतर्ग: १ अंतर्मु. ७ हजार वर्ष
४अंत २८ हजार वर्ष ४ अंतर्मु.४अत ४ अंतर्मु.२.हजार वर्ग
आM.१अंत १अंतर्मु अंत ५अंतमु राजार वर्ष
४तजार ४ अंतk viry ४ अत, ४० हजार
५६ अप तथा वनरपति में असुरकुमार ऊपजै तेहनों यंत्र (१३)
गमा २० द्वारगी सख्या
सधयणद्वार
संठाण द्वार |
लेश्या द्वार| दृष्टि द्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योग द्वार
उपर
उपपात द्वार जघन्य
परिमाण द्वार
उत्कृष्ट
अवगाहना द्वार जघन्य उत्कृष्ट
१२.३
संखया
असंधवणी
४ पहली
३
नियमा
| ओपिक ने ओधिका १४.७ गगै जिण जिण
ओधिक नैं जघन्य काय में उप तिगरे ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट आयु में ऊपजे।
आंगुल नौ असंखभाग
सगधीरंस
संखया
४ पहली
निग्रमा
आगुल नों असंख भाग
भजना
जघन्य नै ओधिक जघन्य ने जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट
|
२.५.८ गर्गे जिण जिण काय में ऊपजे शिप जघन्य आयु में ऊपजे।
जराषवणी
४पहली
नियमा
भजना
उत्कृष्ट न ओधिक जयष्ट नै जपन्या उत्कृष्ट उत्कृष्ट
३.६६गर्म जिन जिण काय में ऊपजे शिण र उत्कृष्ट आयु में ऊपजे।
संखया अरांस
आगुल नौ अराखभाग
समारंस
360
भगतनी-जोर साल)
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