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________________ संज्ञा द्वार, कवाय द्वार इन्द्रिय द्वार समुदधात द्वार वेदना द्वार वेद द्वार आयद्वार अनुबंध द्वार नाणत्ता आध्यवसाय द्वार असंख्याता अंतर्मुहूर्त कोहपूर्व भला डा अंत ३पहली अंतर्मुहूर्त | आह । डा आM | अंतर्मुस अब लेश्या दृष्टि ज्ञान-अक्षान, योग, राग आयु, अध्य. अनु | १कोठपूर्व । मलानूडा कोडगूर्व जोडपूर्व वनस्पति में संख्याता व नो सन्नी तिर्यय वायु में संख्याता वर्ष नों सनी तिर्वच उत्कृष्ट काल जधन्यकाल उत्कृष्ट काल १अंतर्मु अंतर्ग, अंतर्मु अंतर्ग अंर हजार वर्ष ४ कोडपूर्व १२ हजार वर्ग ४ कोडपूर्व ४ अंतर्ग ४ कोडपूर्व २हजार वर्ष १जत अंत १अंतर्मु.अंतर्मु. १अंतर्मु कहजार वर्ग ४ कोडपूर्य ४० हजार वर्ग ४कोहपूर्व अंत ४ फोडपूर्व ४० हजार वर्ग १अंतर्नु अंतर्मु १अंतर्मु.१अंतर्ग अंतर्मु,३हजार वर्ष ४ अंतर्मु १२ हजार वर्ग ४ आर्मु ४ अंतर्मु, ४ अंतर्मु १२ हजार वर्ग आर्मु.१जत १अंतर्मु.१ अरा १अंतर्मु १० हजार वर्ष ४ अंत ४० हजार वर्ग ४ अंतर्मु अंत ४ अंआ४० हजार वर्ष कोडपूर्व १अंतर्मु कोळपूर्व १ अंतर्मु पोचपूर्व ३ हजार दर्श ४ कोडपूर्व १२ हजार वर्ष ४ कोडपूर्व४ अंतर्मु. ४ कोडपूर्व १२ हजार वर्ष १ कोडपूर्व १ अत १कोडपूर्व , पकोडपूर्व १० हजार वर्ग ४कोडपूर्व ४० हजार वा ४ कोडपूर्व ४ अंत ४ कोडपूर्व ४० हजार वन गमा २५६ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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