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________________ २५२ ५० च्यार थावर में तेइंद्रिय ऊपजै तेहनों यंत्र (७) २ परिमाण द्वार गमा २० द्वार नी संख्या ETV २ ओधिक नैं ओधिक ओधिक में जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य ६ उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट जघन्य Jain Education International उपपात द्वार उत्कृष्ट १४.७ गर्मी जिन जिन काय में ऊपजै ति जघन्य उत्कृष्ट आयु में ऊपजै। भगवती-जोड़ (खण्ड-६) | २५० गर्ग जिन जिन काय में उपजे तिन जघन्य आयु मैं ऊपजे ३.६.६ गर्म जिन जिन काय मैं ऊपजै तिन रै उत्कृष्ट आयु में ऊपजै। जघन्य ૧૨.૩ ऊपजै १२.३ ऊपजै "૨૩ ऊपजै उत्कृष्ट संखया असंख ऊपजै संखया असंख ऊपजै संखया असंख ऊपजै 3 संघयण द्वार ६ १ छेक्टो १ छेवटो १ छेक्टो 3 ६ गमा अवगाहना द्वार C जघन्य आंगुल न असंख भाग गुल न असंख भाग आंगुल न असंख भाग ~~ उत्कृष्ट ३ गाउ आंगुल न असंख भाग ३ गाऊ उ. संख्यात संख्यात संख्यात संख्यात ८ ५. संठाण द्वार ६ For Private & Personal Use Only १ हुंडक १ हुंडक हुंडक लेश्या द्वार ६ ३ पहली ३ पहली ३] पहली जघन्य काल १ अंत अंतर्मु १ अंतर्मु १ अंतर्ग अंतर्मु] ७ हजार वर्ष १ अंतर्मु १ अंतर्मु १ अंतर्मु, १ अंतर्ग १ अंतर्मु ७ हजार वर्ष दृष्टि द्वार ३ ४६ दिन रास १ अंतर्मु ४९ दिन रात १ अंतर्ग ४६ दिन रात ७ हजार वर्ष २. सम्यक मिथ्या २० कायसंवेध द्वार अप में इंद्रिय १ मिथ्या २ सम्यक मिया संखकाल संखकाल सखकाल संखकाल ४ अंतर्ग] २० हजार वर्ष उत्कृष्ट काल संखकाल संखकाल संखकाल संखाल १६६ दिन रात २८ हजार वर्ष ज्ञान-अज्ञान द्वार २ नियमा ५ १९६ दिन रात २८ हजार वर्ष १९६ दिन रात ४ अंतर्मु १६६ दिन रात २५ हजार वर्ष २ नियमा • 3 २ नियमा २ नियमा २ नियमा जघन्य काल [१] अंतर्ग १ अंतर्मु १ अंतर्गः १ अंतर्मु १ अंतर्ग ३ दिन रात १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १] अंतर्ग १ अंतर्ग [4] अंतर्मु] ३ दिन रात योग द्वार ४६ दिन रात १ अंतर्मु ४६ दिन रात अंतर्मु ४६ दिन रात ३ दिन रात 3 तेऊ में इंद्रिय २ वच काय काय २ वष काय उपयोगद्वा २ २ उत्कृष्ट काल संखकाल संखकाल संखकाल संखकाल १६६ दिन रात १२ दिन संखकाल संखकाल संखकाल संखकाल ४ अंतर्ग १२ दिन रात १६६ दिन रात १२ दिनस १६६ दिन रात अंत १६६ दिन रात १२ दिन www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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