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________________ २५० ४६ चार थावर में बेइंद्रिय ऊपजै तेहनों यंत्र (६) गमा २० द्वार नी संख्या १ २ 3 ४ ५ ६ ७ G १ ओधिक नै अधिक औधिक मैं जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जधन्य जघन्य नै उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट १४.७ गर्ने जिन जिण काय में ऊपजे तिण है जघन्य उत्कृष्ट आयु में ऊपजै । Jain Education International उपपात द्वार २.५० गर्ने जिन जिण काय में ऊपजे तिण रे जघन्य आयु मैं ऊपजै उत्कृष्ट नै औधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट आयु में ऊपजे ३.६.९ गर्ने जिन जिन काय में ऊपजी तिरै उत्कृष्ट भगवती जोड़ (खण्ड-६) जघन्य २ परिमाण द्वार १२.३ ऊपजै १२.३ ૧૨૩ ऊपज उत्कृष्ट संखया असंख ऊपजै संखया असंख ऊपजै संख या असंख ऊपजै संघयण द्वार ६ १ छेवटो १ छेवटो १ छेवटो आंगुल भ असंख भाग ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट १२ योजन Ear me o ज ૬ जघन्य आंगुल न असंख भाग गमा आंगुल न असंख भाग २ २ २ २ भव आंगुल न असंख भाग १२ योजन संख्यात संख्यात संख्यात संख्यात ८ ८ ८ ५ संठाण द्वार ६ For Private & Personal Use Only १. हुंडक १हुंडक १हुंडक जघन्य काल ६ लेश्या द्वार { ३. पहली ३] पहली ३ पहली १ अंतर्मु १ अंतर्मु १ अंतर्मु १ अंतर्ग १ अंतर्मु, ७ हजार वर्ष १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्मु ७ हजार वर्ष ७ दृष्टि द्वार ३ १२ वर्ष १ अंतर्मु १२ वर्ष १ अंतर्मु १२ वर्ष ७ हजार वर्ष २ सम्यक मिथ्या २० कायसंवेध द्वार अप में बेइंद्रिय १ मिध्या २ सम्यक् मिथ्या उत्कृष्ट काल संखकाल संखकाल संखकाल संखकाल ४८ वर्ष २८ हजार वर्ष संखकाल संखकाल संखकाल संखकाल ४ अंतर्ग २८ हजार वर्ष ४८ वर्ष २८ हजार वर्ष ४८ वर्ष ४ अंतर्ग ४८ वर्ष २८ हजार वर्ष ज्ञान-अज्ञान द्वार ५ २ नियमा 1. २ नियमा 3 २ नियमा २ नियमा २ नियमा जघन्य काल १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंत ३ दिन रात १ अंतर्मु, १ अंतर्ग १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्ग ३ दिन रात योग द्वार १२ वर्ष १ अंतर्मु १२ वर्ष १ अंतर्मु १२ वर्ष ३ दिन रात 3 २ बच काय तेज में बेइंद्रिय - काय २ वच काय उपयोगा २ | २. उत्कृष्ट काल संखकाल संखकाल संखकाल संखकाल ४८ वर्ष १२ दिन रात ४८ वर्ष १२ दिन रात ४८ वर्ष ४ अंतर्ग ४८ वर्ष १२ दिन रा संखकाल संखका संखकाल संखकाल ४] अंत १२ दिन www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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