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________________ ४५ च्यार थावर में अपकाय ऊपजै तेहनों यंत्र (२) गना २०द्वार नी संख्या परिमाण द्वार | संधयण द्वार अवगाहना द्वार संठाणद्वारलेश्या द्वार दृष्टिद्वार ज्ञान-अज्ञान द्वार योगद्वार उपयोग उपपात द्वार जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट | १शेवटो १मिथ्या २नियमा । १काया | २ ओधिक नै ओधिक १४७ गमै जिण जिण काय ओधिक नै जघन्य में ऊपजै तिण जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट | उत्कृष्ट आयु में ऊपजै १२ गमै समय समय असंख्याता ऊपजै.३गमै जघन्य १२.३ उत्कृष्ट संख या असंख लफ्जै जघन्य उत्कृष्ट आंगुल | थिबुक पाणी ना | पहली नों असंख माग परपोटा ऊपरवन १छेवटो । १मिथ्या २नियम | १वाया जघन्य नै ओधिक २.५ गर्म जिण जिण जघन्य नै जघन्य | काय में ऊपजे तिणरै जघन्य नै उत्कृष्ट | जघन्य आयु में ऊपजै जघन्य उत्कृष्ट आंगुल नों असंख भाग चिबुक पाणी नां| ३ पहली परपोटा पहली | এশিয়া २नियमा पकाया उत्कृष्ट नै ओधिक ३.६.६गमें जिप जिण उत्कृष्ट नै जघन्य | काय में ऊपले तिण रे | उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट आयु में ऊपज जघन्य १२.३ उत्कृष्ट संख या असलञ्च जघन्य उत्कृष्ट आंगुल | चिबुक पाणी नां नों असंख भाग परपोटा २० कायसवेध द्वार अप में अप तेक में अप जघन्य काल उत्कृष्ट काल | जघन्य काल उत्कृष्ट काल असंख असंख अंतर्मु अंतर्मु. १अंतर्नु अंतर्मु १अंतमु.७ हजार वर्ष असंख कालअसंख काल | असंखकाल असंख काल | २८ हजार वर्ष २८ हजार वर्ग | अंतर्मु. १अंतर्मु. अंतर्मु, १अंतर्मु. अंतर्मु. ३ दिन रात असंख काल असंखशात असंख काल असंया अब २८ हजार वर्ष १२ दिनमा अशंख असंख १अंतमु. १अंतर्मु. १अंतर्मु.१अंत . १अतर्मु.७ हजार व असंख काल असंख काल | १अंतर्मु, १अंतर्मु. असंख काल असंख काल | अंतर्मु. १अंतर्मु. ४ अंतर्मु २८ हजार वर्ष १अतर्मु.३ दिन रात असंख काल असंतान असंख काल असंतशत ४ अंत १२ दिन रात ७हजार वर्षअंतर्म. |२८ हजार वर्ष २८ हजार वर्ष ७ हजार वर्ष १ अंतर्नु २८ हजार वर्ष ४ अंतर्मु ७ हजार वर्ष ७ हजार वर्ष | २८ हजार वर्ष २८ हजार वर्ष | हजार वर्ष १अतk हजार वषअत हजार वर्ष १ अंतर्मु हजार वर्ष ३दिन रात २८हजार वर्ष दिसा २८हजार अंत २८ हजार वर्ष १२ दिनस २४२ भगवती-जोड़ (खण्ड-६) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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