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________________ ३५ पृथ्वीकाय में संख्याता वर्ष नां सन्नी तिर्यञ्च ऊपजै तेहनों यंत्र (१०) गमा २०द्वार नौ संख्या उपपात द्वार संघयण द्वार अवगाहना द्वार संठाण द्वार | लेश्या द्वार ज्ञान-अज्ञान द्वार | योग द्वार | उपयोगवा परिमाण द्वार जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट संख या असंख | भजना १ २ ३ ओधिक नै ओधिक अंतर्मुहूर्त | २२ हजार वर्ष ओधिक नै जघन्य अंतर्मुहूर्त १अंतर्मुहूर्त ओधिक नै उत्कृष्ट | २२ हजार वर्ष | २२ हजार वर्ष १२.३ ऊपजै ऊपजे अंगुलनों असंख भाग १हजार योजन संख या असंख | जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट अंतर्मुहर्त अंतर्मुहूर्त |२२ हजार वर्ष २ नियमा | १काय | २२हजार वर्ष १अंतर्मुहूर्त २२ हजार वर्ष अंगुलनों असंख माग - अंगुलनों असंख भाग ऊपजै पहली १२.३ संख या असंख ३भजना ३भजना उत्कृष्ट नै ओधिक १अंतर्मुहूर्त २२ हजार वर्ष उत्कृष्ट नै जघन्य अंतर्मुहर्त | १अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट २२ हजार वर्ष | | २२हजार वर्ष अंगुलनों असंख भाग १हजार योजन ऊपजे ३६ पृथ्वीकाय में संख्याता वर्ष नां सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (११) गमा २०द्वार नी संध्या उपपात द्वार परिमाण द्वार संघयण द्वार | अगहना द्वार अवगाहना द्वार सठाण द्वार लश्या द्वार दृष्टि द्वार ज्ञान-अज्ञान द्वार | योग द्वार उपयोग जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट संख ४ भजना ३भजना ओधिक नै ओधिक अंतर्मुहर्त |२२हजार वर्ष ओधिक नै जघन्य | अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त ओधिक नै उत्कृष्ट २हजार वर्ष | २२हजार वर्ष ૧૨૩. ऊपजै अंगुलनों असंख भाग संख ३पहली २नियमा १काय जघन्य न ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट १२.३ ऊपजे | मिथ्या |अंतर्मुहूर्त | २२ हजार वर्ष १अंतर्मुहूर्त |१अंतर्मुहूर्त २२ हजार वर्ष | २२ हजार वर्ष अंगुलनों असंख भाग अंगुलनों | असंख भाग १,२,३ ४भजना ३भजना उत्कृष्ट नै ओधिक | अंतर्मुहूर्त | २२ हजार वर्ष उत्कृष्ट नै जघन्य अंतर्मुहूर्त |१अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट | २२ हजार वर्ष | २२हजार वर्ष सख ऊपजे ५सी धनुष्य ऊपज धनुष्य ३७ पृथ्वीकाय में असन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (१२) गमा २० द्वार नी संख्या परिमाण द्वार संघयण द्वार संठाण द्वार लेश्या द्वार दृष्टि द्वार ज्ञान-अज्ञान द्वार योग द्वार उपयोगा उपपात द्वार जघन्य उत्कृष्ट अवगाहना द्वार जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट १ऐवटो ३पहली मिष्या १हुडक २नियमा १काय १ २ ३ १२.३ ऊपजै ओधिक नै ओधिक | अंतर्मुहूर्त | २२ हजार वर्ष ओधिक नैं जघन्य |१अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त ओधिक मैं उत्कृष्ट | २२ हजार वर्ष | २२ हजार वर्ष सख या असंख ऊपजै अंगुलनों असंख भाग २३४ भगवती-जोड़ (खण्ड-६) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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