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२० असुरकुमार में संख्याता वर्ष नां सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनो यंत्र (५)
गमा २०द्वार नी संख्या
उपपातद्वार
संघयण द्वार
अवगाहनाद्वार
सठाणद्वार
लेश्या द्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योग द्वार
उपयोग द्वारा
परिमाण द्वार
उत्कृष्ट
जघन्य
जघन्य
जघन्य
उत्कृष्ट
५सी
ओघिक नै ओधिक ओधिक जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट
१० हजार वर्ष १० हजार वर्ष १सागर जाझो
सागरजाझो १० हजार वर्ष सागर जाझो
१२.३ ऊपज
संख्याता ऊपज
पृथक आंगुल
भजना
|
भजना
संख्याता
जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट
१० हजार वर्ष | १सागर जाझो १० हजार वर्ष
1०हजार वर्ष १सागर जाझो १सागरजाझो
१२.३ उपजै
पृथक आंगुल
पृथक आंगुल
भजना
भजना
उत्कृष्ट नै ओधिक १० हजार वर्ष |सागर जाझो उत्कृष्ट नै जघन्य १० हजार वर्ष १० हजार वर्ष उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट | १सागर जाझो | १सागर जाझो
१२.३ ऊपजे
संख्याता ऊपजै
५सौ
५ सौ धनुष्य
४ भजना
भजना
नवनिकाय में ५ ठिकाना नां ऊपजै असुरवत् । २१ नव निकाय में असन्नी तिर्यंच पंचेंद्री ऊपजै तेहनों यंत्र (१)
गमा २०द्वार नी संख्या
संघयण द्वार
अवगाहनाद्वार
संठाणद्वार - लेश्या द्वार
दृष्टि द्वार
झान-अज्ञान द्वार
| योग द्वार
उपपात द्वार जघन्य | उत्कृष्ट
परिमाण द्वार जघन्य | उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
। १२३
२वच
| १हजार
योजन
छवटो
।
आंगुलनों असंख भाग
हंडक
पहली
मिथ्या
ओधिक नै ओधिक 10 हजार वर्व पत्य नों असंखभाग ओधिकर्न जपन्य १० हजार वर्ष १० हजार वर्ष ओधिक नै उत्कृष्ट पत्य नै | पल्यन असंख भाग
असंख भाग
नियमा
या असंख ऊपने
૧૨૩.
.
संख ऊपजै | या असंख
२क्य
१हजार योजन
ऐबटो
।
आंगुलनों असंख भाग
हुंडक
पहली
मिथ्या
जघन्य नै ओधिक 10 हजार वर्व | पल्य नौ असंख भाग जघन्य नै जघन्य 1% हजार वर्व | १० हजार वर्ष जघन्य नै उत्कृष्ट
पन्य असंख माग असंख भाग
नियमा
७ | उत्कृष्ट नै ओधिक
उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट
पल्य नों असंख भाग १० हजार वर्ष पल्यन असंख भाग
| १२.३
ऊपज
। संख | या असंस
आंगुलनों असंख
१हजार योजन
२ नियमा
२वब काय
छेबटो
हुंडक
|
पहली
गिथ्या
हजार वर्ष
हजार वर्ष पल्यन असंख भाग
भाग
२२ नव निकाय में तिर्यंच युगलियो ऊपजै तेहनों यंत्र (२)
गमा | २० द्वार नी संख्या
उपपात द्वार
परिमाण द्वार
संघयण द्वार
अवगाहना द्वार
संठाण द्वार | लेश्या द्वार
दृष्टि द्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योगद्वार
जघन्य
उत्कृष्ट | जघन्य
उत्कृष्ट
जघन्य
उत्कृष्ट
|
| ओधिक नै ओधिक | हजार वर्ष | देशोन २पल्य
ओधिक जघन्य | हजार वर्ष % हजार वर्ष
१२.३
सख्याता
१वज अवम नाराय
ऊपजै
पृथक घनुष्य
|
गाऊ
समचौरस
२ नियमा
पहली
मिथ्या
ओधिक नै उत्कृष्ट | देशोन २ पल्य |
देशोन २ पल्य
१२.३
संख्याता
१वज
ऊपजै
पृथक घनुष्य
ऋषभनाराच
गाऊ
समचौरस
पहली
मिथ्या
नियमा
१.२.३
संख्याता
२
जघन्य नै ओधिक १० हजार वर्ष | कोडपूर्व जामो जघन्य नै जघन्य 10 हजार वर्ष | १० हजार वर्ष जघन्य नै उत्कृष्ट कोडपूर्व जाझो | कोडपूर्व जामो
पृथक धनुष्य
अषभ नाराब
हजार धनुष्य जाझो
समचौरंस
पहली
मिथ्या
नियमा
१२३
उत्कृष्ट नै ओधिक १० हजार वर्ष उत्कृष्ट नै जघन्य 1% हजार वर्ष उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट | देशोन २ पल्य
देशोन २पल्य १० हजार वर्ष देशोनरपल्य
सख्याता ऊप
१वज श्रावन नाराच ।
पृथक धनुष्य
गाऊ
समचौरस
पहली
मिथ्या
नियमा
२२४
भगवती-जोड़ (खण्ड-६)
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