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________________ ११ पांचम नरक में संख्याता वर्ष नां सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (२) गमा २० द्वार नी संख्या 01 1 १ २ 3 ४ ५. ६ | ६. २१८ 9 o two suw गमा २० द्वार नी संख्या ओधिक नै अधिक २ ओधिक नैं जघन्य ३ ओधिक नै उत्कृष्ट २ lo mmm1 30 or us love ओधिक नै ओधिक ओधिक नै जघन्य | ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नैं ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट ५. ६ गमा २० द्वार नी संख्या ५ जघन्य में ओधिक जघन्य नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नैं उत्कृष्ट 3 ओधिक नै उत्कृष्ट ओधिक नै ओधिक ओधिक नै जघन्य जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य ६ उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट जघन्य १० सागर १० सागर १७ सागर Jain Education International १० सागर १० सागर १७ सागर छडी नरक तमप्रभा में २ ठिकाणां नां ऊपजै संख्याता वर्ष नां सन्नी तिर्यच १ संख्याता वर्ष नां सन्नी मनुष्य २ । १२ छट्टी नरक में संख्याता वर्ष नां सन्नी तिर्यंच ऊपजै तेहनों यंत्र (१) १० सागर १० सागर १० सागर जघन्य १७ सागर ५७ सागर २२ सागर ५ सागर १७ सागर २२ सागर १ उपपात द्वार १७ सागर १७ सागर २२ सागर जघन्य १७ सागर १७ सागर २२ सागर १७ सागर १७ सागर २२ सागर उत्कृष्ट १७ सागर १७ सागर २२ सागर १७ सागर १० सागर १७ सागर भगवती-जोड़ (खण्ड-६) १७ सागर १० सागर १७ सागर १७ सागर १० सागर १७ सागर उपपात द्वार उत्कृष्ट उपपात द्वार २२ सागर १७ सागर २२ सागर २२ सागर १७ सागर २२ सागर २२ सागर १५० सागर २२ सागर उत्कृष्ट २२ सागर १७ सागर २२ सागर २२ सागर १७ सागर २२ सागर जघन्य २२ सागर १७ सागर २२ सागर १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै १३ छट्ठी नरक में संख्याता वर्ष नां सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (२) २ परिमाण द्वार ३ संघयण द्वार ६ २ पहिला २ परिमाण द्वार २ परिमाण द्वार जघन्य १.२.३. ऊपजै १.२.३. ऊपजै १२.३. ऊपजै जघन्य ૧૨.૩ ऊपजै १२.३ ऊपजै उत्कृष्ट १२.३ ऊपजै संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै उत्कृष्ट संख्याता या असंख्याता ऊपजै संख्याता या असंख्याता ऊपजै संख्याता या असंख्याता ऊपजै उत्कृष्ट संख्याता ऊपजै 3 संघयण द्वार ६ संख्याता ऊपजै ३ पहला संख्याता ऊपजै ३] पहला ३ पहला ३ संघयण द्वार ६ २] पहला २] पहला २] पहला २] पहिला २ पहिला जघन्य पृथक हाथ ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट पृथक् हाथ ५. सौ धनुष्य जघन्य अंगुल न असंख भाग अंगुल नौ असंख भाग अवगाहना द्वार ਦ अंगुल नी असंख भाग जघन्य पृथक् हाथ ५. सौ धनुष्य पृथक हाथ ५. सौ धनुष्व ४ पृथक हाथ ५. सौ धनुष्य अवगाहना द्वार उत्कृष्ट १ हजार योजन पृथक् धनुष्य हजार योजन ५.सी धनुष्य पृथक हाथ ५. सौ धनुष्य ५. संठाण द्वार ६ ६ ६ For Private & Personal Use Only ६ ५. संठाण द्वार ६ ६ ག संठाण द्वार ६ लेश्या द्वार ६ ६ ६ लेश्या द्वार ६ ३] पहली ६ लेश्या द्वार ६ दृष्टि द्वार 3 ३ 3 19 दृष्टि द्वार ३ 3 मिथ्या ७ दृष्टि द्वार ३ 1 ज्ञान-अज्ञान द्वार ५. ४ भजना ४ भजना ४ ५ 3 भजना 。 भजना ज्ञान-अज्ञान द्वार ५. ४ भजना ३ ४ भजना 3 भजना भजना 3 भजना ३ भजना E-E ज्ञान-अज्ञान द्वार भजना २ नियमा 3 भजना ३ ३ भजना भजना भजना ६ योग द्वार ३ ३ ३. m ६ योग द्वार ३ ३ ३ ६ योग द्वार ३ ३ १० उपयोग द्वार २ २ च उपयोग २ २. २ उपयोग इ २ ~ www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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