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________________ निवार ७५२ जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास वि० सं० १५०७ माघ सुदि १० श्री० प्र० ले० सं०, सोमवार लेखांक १९७ वि० सं० १५११ कार्तिक वदि ५ जै० धा० प्र० ले० सं०, रविवार भाग १, लेखांक ८२२ वि० सं० १५१२ ज्येष्ठ सुदि ५ वही, भाग १, रविवार लेखांक ५५ वि० सं० १५१३ वैशाख वदि २ वही, भाग १, शुक्रवार लेखांक १२२ वि० सं० १५१५ माघ सुदि १ जै० ले० सं०, शुक्रवार भाग १, लेखांक ४८१ वि० सं० १५१७ फाल्गुन सुदि ३ जै० धा० प्र० ले० सं०, शुक्रवार भाग २, लेखांक ९७० विनयप्रभसूरि के शिष्य सोमरत्नसूरि वि० सं० १५२७ माघ वदि ५ बी० जै० ले० सं०, शुक्रवार लेखांक १०५३ वि० सं० १५२९ माघ सुदि ५ जै० ले० सं०, रविवार भाग १, लेखांक ८१९ विनयप्रभसूरि के पट्टधर क्षेमरलसूरि वि० सं० १५२७ माघ वदि ५ प्र० ले० सं०, ___ शुक्रवार लेखांक ६९६ सोमरत्नसूरि के शिष्य हेमसिंहसूरि वि० सं० १५६० वैशाख सुदि ३ श्री० प्र० ले० सं०, बुधवार लेखांक १२२ वि० सं० १५७० माघ सुदि १३ जै० धा० प्र० ले० सं०, मंगलवार भाग १, लेखांक ५१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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