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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास ऐसी कोई बात ज्ञात नहीं होती जिससे इस गच्छ के इतिहास पर कुछ विशेष प्रकाश पड़ सके । फिर भी हारीजगच्छ से सम्बद्ध एकमात्र साहित्यिक साक्ष्य होने से इस प्रशस्ति का विशिष्ट महत्त्व है।
इस गच्छ से सम्बद्ध कुछ अभिलेखीय साक्ष्य भी मिलते हैं जो वि० सं० १३३० से लेकर वि० सं० १५७७ तक के हैं । इनका विवरण निम्नानुसार है -
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