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________________ Jain Education International नागेन्द्रगच्छ . - For Private & Personal Use Only क्रमाङ्क | संवत् | तिथि | आचार्य का नाम | प्रतिमालेख/ । प्रतिष्ठा स्थान संदर्भ ग्रन्थ स्तम्भलेख १०१. | १५१९ | कार्तिक । गुणसमुद्रसूरि । अरनाथ की बड़ा जैन मन्दिर, विजयधर्मसूरि, वदि १ धातुप्रतिमा कातरग्राम | पूर्वोक्त, सोमवार का लेख लेखांक ३२८ १०२. | १५२० | वैशाख __गुणसमुद्रसूरि शांतिनाथ की महावीर जिनालय, नाहर, पूर्वोक्त, वदि ५ एवं सर्वसूरि पंचतीर्थी प्रतिमा | डीसा भाग २, शुक्रवार का लेख लेखांक २१०३ १०३. | १५२० | वैशाख गुणसमुद्रसूरि शांतिनाथ जिनालय, बुद्धिसागरसूरि, सुदि ५ के पट्टधर | प्रतिमा का लेख | शांतिनाथ पोल, पूर्वोक्त, भाग १, गुरुवार गुणदेवसूरि अहमदाबाद लेखांक १२७२ १०४. १५२० माघ । भवानन्दसूरि के | महावीर स्वामी | आदिनाथ जिनालय, वियधर्मसूरि, वदि ११ | शिष्य पद्मचन्द्रसूरि | की धातुप्रतिमा पूर्वोक्त, बुधवार का लेख लेखांक ३४३ जामनगर - www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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