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हर्षपुरीयगच्छ अपरनाम मलधारीगच्छ
राजशेखरसूरि (वि० सं० १३८६ - १४१४ प्रतिमालेख.
अनेक ग्रन्थों के रचनाकार)
सुधाकलश
(वि० सं० १४०६ /
ई० सन् १३५० में संगीतोपनिषत्सारोद्धार के रचयिता )
.१४
जैसा कि प्रारम्भ में कहा गया है कि इस गच्छ की सद्गुरुपद्धति नामक एक गुर्वावली भी मिलती है । प्राकृत भाषा में २६ गाथाओं में रची गयी यह कृति वि० सं० की १४वीं शती की रचना मानी जा सकती है। इसमें अभयदेवसूरि से लेकर पद्मदेवसूरि तक के मुनिजनों की गुरु- परम्परा इस प्रकार दी गयी है :
अभयदेवसूरि
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हेमचन्द्रसूरि
विजयसिंहसूरि श्रीचन्द्रसूरि विबुधचन्द्रसूरि
मुनिचन्द्र हरिभद्र मानदेव सूरि सूरि
सूरि
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सिद्ध
सूरि
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१३२९
महेन्द्र
सूरि
देवभद्र
सूरि
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