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________________ 3801 Jain Education International For Private & Personal Use Only क्रमाङ्क |संवत् | तिथि | आचार्य का नाम | प्रतिमालेख/ | प्रतिष्ठा स्थान | संदर्भ ग्रन्थ स्तम्भलेख २७. |१३३८ | ज्येष्ठ । उदयप्रभसूरि धातु की चौबीसी | मनमोहन पार्श्वनाथ बुद्धिसागरसूरि, सुदि १२ के शिष्य | जिनप्रतिमा देरासर, पटोलिया पूर्वोक्त, भाग २, बुधवार | महेन्द्रसूरि का लेख | पोल, बड़ोदरालेखांक ९४ ।। २८. |१३४९ / ज्येष्ठ | गुणसेनसूरि | शारदा की पाषाण मनमोहन पार्श्वनाथ वही, भाग २, वदि६ | संतानीय आचार्य | मूर्ति का लेख |जिनालय, लेखांक ७६० बुधवार | श्री जिन......? जीरारवाडो, खंभात २९. |१३६१ चन्द्रप्रभ जिनालय, नाहर, पूर्वोक्त, जैसलमेर भाग ३, लेखांक २२४३ २९A |१३६६ | वैशाख भुवनानन्दसूरि धातु की चौबीसी वासुपूज्य चैत्य, दौलतसिंह लोढ़ा, वदि ८ के पट्टधर जिनप्रतिमा का थराद संपा०, श्रीप्रतिमापद्मचन्द्रसूरि लेखसंग्रह, लेखांक ५७ जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास | लेख www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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