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________________ प्राप्ति स्थान । संदर्भग्रन्थ Jain Education International ११४२ क्रमाङ्क | संवत् | तिथि /| आचार्य का नाम | प्रतिमालेख/ मिति स्तम्भलेख १. |१२८७ | मार्गशीर्ष | आचार्य का नाम | चबुतरे पर सुदि६ । नष्ट हो गया है। | उत्कीर्ण लेख सोमवार For Private & Personal Use Only मडारदेवी का मुनिजयंतविजय, मन्दिर, मडार संपा० अर्बुदाचल प्रदक्षिणाजैनलेखसंदोह, लेखांक ६६ | नेमिनाथ जिनालय, मुनि विशालविजय, आरासणा संपा० आरासणा तीर्थ, लेखांक ३० २. १३३५ | माघ । सुदि १३ शुक्रवार चक्रेश्वरसूरि संतानीय सोमप्रभसूरि के शिष्य वर्धमानसूरि आदिनाथ की प्रतिमा पर | उत्कीर्ण लेख जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास ३. १३३५ / मिति विहीन जिनयुगल प्रतिमा | पल्लवियापार्श्वनाथ मुनि जिनविजय, पर उत्कीर्ण लेख | जिनालय, पालनपुर | संपा० प्राचीनजैन www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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