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________________ Jain Education International सार्धपूर्णिमागच्छ For Private & Personal Use Only क्रमाङ्क | प्रतिष्ठा | तिथि/ | लेख में उल्लिखित | प्रतिमालेख/ । प्रतिष्ठा स्थान | संदर्भ ग्रन्थ वर्ष मिति | आचार्य का नाम | स्तम्भलेख २०. १५०२ माघ हीरानन्दसूरि शांतिनाथ की चन्द्रप्रभ विनयसागर, वदि २ पंचतीर्थी जिनालय, पूर्वोक्त, भाग १, रविवार प्रतिमा का लेख | सांगानेर लेखांक ३५९ २१. " आदिनाथ जिनालय, वही, भाग १, करमदी लेखांक ३६१ २२. १५०४ | फाल्गुन रामचन्द्रसूरि अजितनाथ की । अजितनाथ पूरनचन्द नाहर, सुदि ९ के पट्टधर चौबीसी प्रतिमा | जिनालय, तारंगा संपा० जैनलेखसोमवार ___ पूर्णचन्द्रसूरि का लेख संग्रह, भाग २, लेखांक १७३२ २३. |१५०७ | तिथि पुण्यचन्द्रसूरि | श्रेयांसनाथ की चिन्तामणिजी का नाहटा, पूर्वोक्त, विहीन प्रतिमा का लेख मंदिर, बीकानेर लेखांक ९०९ २४. १५०८ | ज्येष्ठ रामचन्द्रसूरि चन्द्रप्रभ की पार्श्वनाथ जिना०, वही, सुदि ५ के पट्टधर चौबीसी प्रतिमा | बीकानेर लेखांक १६२५ रविवार पुण्यचन्द्रसूरि का लेख www.jainelibrary.org १००७
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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